जस्टिस संजीव खन्ना ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को दी भावुक विदाई, कहा- जब एक विशाल पेड़…फिर जंगल कभी वैसा नहीं रहता

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नई दिल्ली। भारत के मनोनीत मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शुक्रवार को फेयरवेल समारोह में एक भावुक भाषण में CJI धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की सराहना की और कहा कि उनके पद छोड़ने से सुप्रीम कोर्ट में एक खालीपन रहेगा.

मीडिया रिपोर्ट में समाचार एजेंसी के हवाले से बताया गया कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट को बेहतर बनाने और सभी तरह के लोगों को शामिल करने की अपनी नीति को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए निवर्तमान CJI चंद्रचूड़ की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सोमवार से हम इस बदलाव को गहराई से महसूस करेंगे, इस अदालत के बलुआ पत्थर के स्तंभों के माध्यम से एक खालीपन गूंजेगा जो बार और बेंच के सदस्यों के दिलों में एक शांत प्रतिध्वनि जैसा होगा.

न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो…

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित जस्टिस चंद्रचूड़ के विदाई समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, जब न्याय के जंगल में एक विशाल पेड़ पीछे हटता है, तो पक्षी अपने गीत बंद कर देते हैं और हवा अलग तरह से चलती है. अन्य पेड़ खाली जगह को भरने के लिए स्थानांतरित होते हैं और समायोजित होते हैं. लेकिन जंगल फिर कभी वैसा नहीं होगा जैसा पहले था. नए सीजेआई ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के विद्वान और न्यायविद होने के गुणों पर भी प्रकाश डाला.

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अपने संबोधन में मनोनीत मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि संवैधानिक पीठ के 38 फैसले, जिनमें से दो आज सुनाए गए. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो कभी नहीं टूटेगा. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की विविध विषयों पर श्रोताओं को संबोधित करने की क्षमता का अनुकरण करना भी कठिन है.

जस्टिस संजीव खन्ना ने CJI के बारे में क्या क्या कहा ?

  • न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ न केवल एक शानदार वक्ता हैं, बल्कि लिखित शब्दों पर भी उतनी ही महारत है.
  • न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के पास पारंपरिक ज्ञान को समकालीन विचारों के साथ जोड़ने की दुर्लभ क्षमता है, ताकि वे पुराने सिद्धांतों और कानूनी दर्शन के नए विचारों  के साथ सहज संपर्क स्थापित कर सकें.
  • एक मुख्य न्यायाधीश के रूप में, उनके पास एक मिशन था, उनके नेतृत्व में इस न्यायालय को बेहतर बनाने का मिशन, नए चैंबरों के निर्माण से लेकर (एक नए) सुप्रीम कोर्ट भवन तक और एक समर्पित वॉर रूम की स्थापना, कर्मचारी कल्याण गतिविधियों तक कई महत्वपूर्ण संस्थागत विकास कार्य हुए .
  • इसके अलावा, एक तकनीक  प्रेमी के रूप में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस न्यायालय को बदल दिया है, जिससे प्रौद्योगिकी और न्यायालय एक दरवाजे तक आ गए हैं. लाइव स्ट्रीमिंग , हाइब्रिड सुनवाई,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), अनुवाद या ई-फाइलिंग, आदि के माध्यम से हमारा और सैकड़ों वकीलों का जीवन बहुत आसान हो गया है.