अपने बाल नोचने पर मजबूर हुए Justin Trudeau, हर देश ने कर दी बगावत!

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नई दिल्ली/डेस्क: वो एक रात थी, उस रात में कई राज़ थे, राज़ को राज़ ही रहने दो। लेकिन एक भारतीय होने के नाते इस लालची मन में सवाल उठता है की आखिर PM मोदी ने क्या कह दिया ट्रूडू को, जो वो कनाडा पहुंचने के बाद से ही भारत से मुंह फुला कर बैठ गए है?

क्या खालिस्तानियों का समर्थन करने के लिए ट्रूडो की बंद कमरे में आलोचना की गई? खैर, अब ये राज़ तो प्रधानमंत्री मोदी या ट्रूडो ही बता पाएंगे। क्योंकि बेचारे ट्रूडो हाथ मिलाने आए थे, लेकिन थप्पड़ खाकर वापस चले गए।

दोस्त बने दुश्मन

लेकिन ट्रूडो इस वक्त हर जगह कोशिश कर रहे हैं, की दूसरे देश भी उनके साथ और भारत के खिलाफ खड़े हो जाए। लेकिन वे भूल गए कि इस समय मोदी भारत के लिए 56 इंच का सीना लेकर खड़े मिलेंगे। ट्रूडो को शायद यह नहीं पता कि मोदी ट्रूडो के दोस्तों को ही उनका दुश्मन बना देंगे और ट्रूडो हाथ मलते रह जायेंगे।

ट्रूडो के साथ-साथ बेचारे चीन को उम्मीद थी कि कनाडा अमेरिका का सहयोगी है और भारत सिर्फ अमेरिका का साझेदार है। न चाहते हुए भी बिडेन हमारे समर्थन में बोलेंगे।’ ट्रूडो ने यही गलती कर दि और मोदी ने अपना मास्टरस्ट्रोक खेल दिया।

अमेरिका ने भारत के लिए छोड़ा कनाडा का साथ

इस समय ट्रूडो के अकाल पर पत्थर पड़े हुए हैं, लेकिन अमेरिका बहुत चालाक है, वह भू-राजनीति में भारत की अहमियत जानता है और हुआ भी वही, अमेरिका ने भारत के खिलाफ कुछ खास नहीं कहा और बिल्कुल संतुलित बयान दिया।

लेकिन ठीक इसी वक्त पीएम मोदी ने अपने पत्ते खोले और जो बाइडेन को गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रित किया। वैसे भारत ने ये न्योता जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ही भेज दिया था। क्योंकि भारत ट्रूडो की स्थिति को पहचानता था और जानता था कि वह कितना नीचे गिर सकते हैं।

भारत बिडेन के साथ क्वाड शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा। इससे साफ है कि कनाडा-भारत संबंधों से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा और अन्य देशों के साथ भारत के रिश्ते पहले से बेहतर होंगे।

लेखक: करन शर्मा