Ujjain Mahakaleshwar Temple: उज्जैन महाकाल मंदिर की शाही सवारी में शामिल होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया, 500 से अधिक सालों से पुराना है इस शाही सवारी का इतिहास!

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Ujjain Mahakaleshwar Temple: हर साल की तरह एतिहासिक महाकाल की शाही सवारी में सिंधिया राजवंश के प्रमुख के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सामिल होंगे। मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थापित सर्वमाननीय आस्था का केंद्र महाकाल मंदिर की शाही सवारी कल (2 सितंबर) निकलने जा रही है। कल विधिवत पूजा पाठ के बाद चांदी की पालकी में महाकाल भगवान, जो श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित हैं। इसके अलावा हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर कथा वाचक उमा महेश, डोल रथ पर श्री होलकर स्टेट का मुखारविंद विराजित होंगे। कल सभी को शाही सवारी के माध्यम से नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे।

बता दें कि करीब पांच सौ से अधिक सालों से भादों माह के दूसरे सोमवार को यह सवारी निकाली जाती है और उस समय से ही सिंधिया राजवंश के मुखिया व परिवार के सदस्य इस शाही सवारी का हिस्सा जरूर होते हैं। इसी प्रथा को महाकाल मंदिर के पुजारी व सिंधिया राजवंश परिवार आज भी पूरी आस्था से मानता है। कल सिंधिया राजवंश के प्रतिनिधि के रूप में भगवान महाकाल की सवारी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल होने जा रहे हैं।

जिसके लिए केंद्रीय मंत्री उज्जैन पहुंचकर भगवान महाकाल की विधिवत पूजा करेंगे और इसके बाद शाही सवारी में शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सिंधिया राजवंश के युवराज महानआर्यमन सिंधिया भी महाकाल की पूजा और शाही सवारी में शामिल होंगे ।

सिंधिया राजवंश ने की थी महाकाल शिवलिंग की पुनः स्थापना

सन 1235 में महाकालेश्वर मंदिर को दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद महाकाल ज्योतिर्लिंग को आक्रांताओं से सुरक्षित रखने लिए करीब 550 वर्षों तक पास ही के एक कुएं में छुपाया रखा। मराठा शूरवीर श्रीमंत राणोजी राव सिंधिया ने मुगलों को पराजित कर अपना शासन 1732 में उज्जैन में स्थापित किया था। राणोजी महाराज ने श्री बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग को कोटि तीर्थ कुंड से निकाल महाकाल मंदिर का पुनः निर्माण करवाया और महाकाल ज्योतिर्लिंग को मंदिर दोबारा स्थापित किया।”