Jyotiraditya Scindia’s mother passes away: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया का आज (15 मई) निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS में बुधवार सुबह 9:28 बजे अंतिम सांस ली। राजमाता की उम्र 70 साल थीं।
तीन महीने से थी बीमार
बता दें कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया तीन महीने से बीमार थीं और उनका इलाज दिल्ली के एम्स अस्पातल में चल रहा था। पिछले कुछ समय से राजमाता वेंटिलेटर पर थीं और आज सुबह उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को सुबह 11 बजे ग्वालियर में किया जाएगा।
नेपाल के राजघराने से था संबंध
राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल की निवासी थीं और उनका संबंध नेपाल के राणा राजवंश राजघराने से था। उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे। राजमाता का विवाह 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ दिल्ली में शान-शौकत के साथ संपन्न हुआ था। इनकी शाही शादी में देश-विदेश से मेहमानों ने शिरकत की थीं।
पति के निधन से टूटी राजमाता
शादी से पहले राजमाता को प्रिंसेज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से जाना जाता था। लेकिन शादी के बाद उनका नाम बदल गया और वह माधवी राजे कहलाने लगीं। राजमाता के पति माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर, 2001 को हुआ। जिसके बाद से राजमाता टूट गई। लेकिन वह अपने बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया की मार्गदर्शक थीं।
बेटे को दिखाई सही राह
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, तब उनकी माता माधवी राजे सिंधिया ने उन्हें सपोर्ट किया। ज्योतिरादित्य कांग्रेस में पिता की विरासत को छोड़कर जाने में हिचकिचा रहे थे, तभी राजमाता ने उन्हें सही राह दिखाई।
खुद को रखा राजनीति से दूर
वहीं, माधवराव सिधिंया के निधन के बाद कयास लगाया जा रहा था कि माधवी राजे सिंधिया राजनीति में आ सकती है। साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि 2004 के आम लोकसभा चुनाव में वह ग्वालियर से चुनाव लड़ सकती है। लेकिन उन्होंने खुद को राजनीतिक सफर से दूर रखा।
लेखक: रंजना कुमारी