Kangana Ranaut की कृषि कानून पर टिप्पणी से BJP ने किया किनारा, तो कंगना ने दिया बड़ा बयान

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BJP MP Kangana Ranaut retracts remark on farm laws after party distances itself from comment

Kangana Ranaut on farm laws: मंगलवार (24 सितंबर) को बॉलीवुड एक्ट्रेस और लोकसभा सांसद कंगना रनौत के कृषि कानूनों पर बयान से बड़ा विवाद खड़ा हुआ। अपनी टिप्पणियों पर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। इस विवाद के चलते भाजपा ने कंगना रनौत द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग वाली टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया था। इस विवाद को लेकर उठे सवालों को शांत करने के लिए कंगना रनौत ने बयान जारी किया है।

विवाद के बाद कंगना ने दिया बयान

बयानबाजी को लेकर उठते विवादों के बाद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लैटफार्म x पर पोस्ट कर कहा, “बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।” कंगना रनौत ने यह पोस्ट बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिय के बयान को सोशल मीडिया पर रीपोस्ट करते हुए किया। 

बता दें कि इस पूरे विवाद को लेकर उठते सवालों को शांत करने के लिए एक बार फिर से कंगना रनौत ने 25 सितंबर को एक वीडियो जारी कर बयान दिया, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफार्म x पर एक वीडियो शेयर कर कहा, “पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को पीएम मोदी से कृषि कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे बयान से कई लोग निराश हैं। जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया, तो हम में से कई लोगों ने इसका समर्थन किया। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया। और हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें। मुझे भी ये बात ध्यान में रखनी होगी। मैं कोई कलाकार नहीं हूं। मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी न होकर पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मैं अपने शब्दों और अपनी सोच से किसी को निराश करती हूं तो मुझे खेद होगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।”

जानें… Kangana Ranaut ने कृषि कानून पर क्या कहा था?

हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत ने तीन विवादास्पद कृषि कानून, जिन्हें किसान यूनियन के लंबे विरोध के बाद निरस्त कर दिया गया था, उन्हें वापस लाने की मांग की, जिसके बाद से राजनीती में माहौल गरमा गया है। कंगना ने अपने बयान में कहा था कि, “मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है। लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।”

कंगना ने इस मामले पर आगे बोलते हुए कहा कि तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें रद्द कर दिया। जिसपर उन्होंने कहा कि, “किसान देश के विकास का एक स्तंभ हैं। मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लाने की मांग करें।”

BJP ने टिप्पणी से किया था किनारा

कंगना के इस बयान के बाद अब भाजप भी एक्ट्रेस से किनारा करती नजर आई है। क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना की टिप्पणी को उनका निजी बयान बताया है। गौरव भाटिया ने कहा,”कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर BJP के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान की निंदा करते हैं।”

बता दें कि विवादास्पद तीनों बिलों पर कंगना की टिप्पणी के बाद भाजपा ने खुद को अलग कर लिया, जिसके पीछे की वजह है हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का सिर पर होना। अगर भाजपा एक्ट्रेस के इस बयान से किनारा नहीं करती, तो शायद वोटिंग के दौरान हरियाणा के किसानों की नाराजगी साफ दिखाई देती। ऐसे में भाजपा ने कगंना के बयान से खुद को अलग करके चुनाव से पहले सही दांव खेला है। जिसका परिणाम उन्हें चुनाव में देखने को भी मिलेगा।

विपक्ष ने साधा था निशाना

कंगना रनौत के बयान की किसान यूनियन नेताओं और कांग्रेस और हरियाणा जैसे राजनीतिक दलों ने निंदा की। विपक्षी दल ने एक्स पर कहा, ”कांग्रेस किसानों के साथ है। ये काले कानून कभी वापस नहीं होंगे, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद कितनी भी कोशिश कर लें।” कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना की टिप्पणी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “तीन किसान विरोधी काले कानूनों का विरोध करते हुए 750 से अधिक किसान शहीद हो गए। उन्हें दोबारा वापस लाने की कोशिश की जा रही है। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरियाणा करारा जवाब देगा।”

-दुर्गा रावत

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