Karnataka MUDA Case: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया को राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने सिद्धरमैया पर केस चलने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के समय कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की आवश्यकता है।
HC ने सिद्धारमैया की याचिका की खारिज
बता दें कि हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को मामले की सुनवाई को पूरा कर अपने फैसले को सुरक्षित रखा था। वहीं, इस याचिका में सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Karnataka MUDA Case) मामले में उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा जांच के लिए दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी। HC ने कहा कि राज्यपाल को व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने की अनुमति देने का अधिकार है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने जारी किया प्रेस बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रेस बयान जारी किया-“मैं जांच करने में संकोच नहीं करूंगा। मैं विशेषज्ञों से सलाह लूंगा कि कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं। मैं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करूंगा और लड़ाई की रूपरेखा तय करूंगा। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए के तहत जांच रद्द हो जाएगी। इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ खड़ी है। उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है। मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं।”
मुझे न्यायालय पर भरोसा
उन्होंने आगे कहा, “इस लड़ाई में आखिरकार सच्चाई की जीत होगी। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है। भाजपा और जेडीएस की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा। मुझे न्यायालय पर भरोसा है। हमारी पार्टी और कांग्रेस हाईकमान के सभी विधायक, नेता और कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े हैं और कानून के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं। भाजपा और जेडीएस ने मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लिया है क्योंकि मैं गरीबों का हितैषी हूं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहा हूं।”
जानें क्या है मामला?
यह मामला जमीन के एक टुकड़े का है, जिसकी नाप 3.14 एकड़ है, जो सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है। BJP मामले को लेकर सीएम और उनकी सरकार पर हमलावर है और उन्होंने सीएम सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग भी की है।
वहीं, सीएम सिद्धारमैया इन सभी आरोपों को खारिज करते आए हैं। उन्होंने राज्यपाल के फैसले को भी असंवैधानिक बताया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के फैसले को कानूनी चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कांग्रेस पार्टी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’- BJP नेता शहजाद पूनावाला
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कोई नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं बनता कि वो मुख्यमंत्री बने रहें। आज कांग्रेस पार्टी ‘भ्रष्टाचार की दुकान’ बन चुकी है। आज भ्रष्टाचार की दुकान का पर्दाफाश हुआ है और सिद्धारमैया को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। 5 हजार करोड़ का घोटाला हुआ, उसमें सीएम को कोई नैतिक या कानून नहीं बनता कि वो सीएम पद पर बने रहे।
उन्होंने 5 हजार करोड़ की जमीने लूटी, वो SC/ST/OBC के लोगों की जमीने थी। अपने बंधुओं को, अपनी पत्नी को, अपने परिवारजनों को ये जमीने दी गई।
जब इसपर कार्रवाई की गई तो, राज्यपाल थावरचंद गहलोत जो कि SC समाज से आते है। उनको कांग्रेस ने धमकी दी, गालियां दी, अपमानित किया। आज कांग्रेस भ्रष्टाचार की दुकान बन चुकी है और नफरत की भाईजान।
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