Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रहा, यहां पिछले एक साल से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है. 11 नवंबर को यहां की तीन महिलाओं और तीन बच्चों को अगवा कर लिया गया. वहीं बाद में सभी की लाश मिलीं. उनके शरीर पर गोलियों के निशान थे. मरने वालों में मैतेई समुदाय के थे और हमला करने का आरोप संदिग्ध कुकी मिलिटेंट्स पर है.
इसी दिन हुए एनकाउंटर में 10 कुकी की मौत भी हो गई. पुलिस का कहना है कि वे मिलिटेंट है. इससे पहले 7 नवंबर को एक महिला टीचर के हाथ-पैर काटकर गोली मार दी गई थी.
महिला टीचर का रेप और फिर मर्डर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेलम रोशन सिंह के गांव जकुराडोर पर हमले का मामला 7 नवंबर को हुई घटना से जुड़ा हुआ है. असम-मणिपुर के बॉर्डर पर एक गांव है जिसका नाम जायरॉन है. यहां कुकी, हमार, नेपाली और बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं.
7 नवंबर को गांव पर लगभग 50 लोगों ने हमला कर दिया था. आरोप है कि इसी दौरान 31 साल की एक महिला टीचर से रेप किया गया, उसके हाथ-पैर काटकर गोली मार दी गई और उसे जिंदा जला दिया.
तेलम रोशन सिंह ने खो दिया अपना परिवार
जायरॉन गांव बोरेबेकरा से 20 किमी दूर है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बोरोबेकरा में भड़की हिंसा में ही तेलम रोशन सिंह ने अपना परिवार खो दिया. उनका गांव जिरीबाम से लगभग 29 किलोमीटर दूर है. बता दें कि ये जगह असम और मणिपुर को अलग करने वाली जिरी और बराक नदी की तलहटी पर है.
तेलम रोशन सिंह ने बताया कि शाम के करीब 7:30 बज रहे थे. मैतेई ग्रुप (Manipur Violence:) अरामबाई टेंगोल के लोग गांव में घुसकर घरों को जलाने लग गए. उनके पास बंदूकें और बम भी थे. रात 9 बजे तक वो 17 घरों में आग लगा चुके थे. लोग बचने के लिए जंगल की ओर भागे, लेकिन मीना (बदला हुआ नाम) गांव में ही फंस गईं.
हाथ-पैर काटकर गोली मार दी
मीना हमार कम्युनिटी से थी. उसके तीन बच्चे हैं. प्रेग्नेंट होने की वजह से मीना स्कूल नहीं जा रही थी. गांव पर हमला हुआ तो वो तेजी से भाग नहीं पाई. अरामबाई टेंगोल के लोगों ने उसे पकड़ लिया, उसका रेप किया और हाथ-पैर काटकर गोली मार दी. साथी ही उसका घर भी जला दिया. मीना के पति, सास और ससुर जंगल में छिपे थे, इसलिए उसे बचा नहीं पाए.
जॉयरन गांव के लोग महिला टीचर से रेप का दावा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है. हालांकि मीना के पति ने fir दर्ज करा कई धाराएं जोड़ी है. जिरीबाम के SP खमनम रॉबिनसन सिंह ने शुक्रवार (22 नवंबर) को जिला मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार को लेटर लिखकर असम के सिलचर जिले में महिला का पोस्टमॉर्टम कराने की परमिशन मांगी थी. उनका कहना है कि जिरीबाम में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं और डेडबॉडी को इंफाल ले जाने में परेशानी होगी.
CRPF कैंप के सामने 15 घर जलाएं
जकुराडोर मैतई गांव है. यहां लगभग 20 परिवार रह रहे थे. गांव से सिर्फ 50 मीटर दूर CRPF कैंप और 400 मीटर दूर पुलिस स्टेशन है. इसके बावजूद वहां हमला हुआ और अब इसका जवाब देने के लिए वहां कोई नहीं बचा, सिर्फ जले मकान, गाड़ियां दिखाई दे रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 11 नवंबर को जिन महिलाओं और बच्चों को अगवा किया गया वह तेलम उत्तम सिंह के परिवार के हैं. उत्तम उस दिन अपने परिवार के साथ नहीं थे, इसलिए जिंदा बच गए. 22 नवंबर की रात उत्तम सिंह ने सभी 6 लोगों का अंतिम संस्कार किया.
10 संदिग्ध मिलिटेंट को मार गिराया
11 नवंबर को CRPF और पुलिस ने (Manipur Violence) 10 संदिग्ध मिलिटेंट को मार गिराने का दावा किया. इनमें से 7 चुराचांदपुर और तीन फेरजावल जिले के थे. NIA की टीम इन लोगों के करीबियों की तलाश में लगी हुई है. जिस वजह से उनका परिवार कहीं और शिफ्ट हो चुका है.
मारे गए लोगों की लाश को सिलचर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. असम के हमार सुप्रीम हाउस ग्रुप, हमार स्टूडेंट एसोसिएशन और इंडिजिनस ट्राइब एवडोकेसी कमेटी के मेंबर शवों को लेने के लिए पहुंचे. ये संगठन मुठभेड़ में मारे गए 10 लड़कों को हीरो मानते हैं और उनके परिवार की मदद करने के लिए आगे आए हैं.
हमार स्टूडेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी लाक्सुथक हमार ने कहा कि, जिरीबाम में मारे गए कुकी लोगों को मिलिटेंट कहना गलत है. वे विलेज वॉलंटियर्स थे. वे 7 नवंबर को जायरॉन गांव में हुई घटना के बाद गुस्से में थे और मैतेई संगठन अरामबाई टेंगोल के लोगों का पीछा कर रहे थे.
सिंह बीरेन ने कहा, CRPF नहीं होती तो…
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने जिरीबाम हिंसा पर कहा कि बोरेबेकरा में 10 कुकी मिलिटेंट्स (Manipur Violence) ने एक हांव और रिलीफ कैंप में घुसने की कोशिश की. वहां करीब 115 लोग रह रहे थे. CRPF ने मिलिटेंट्स की प्लानिंग फेल कर दी. CRPF न होती तो कई लोगों की जान जा सकती थी.
16 नवंबर को भीड़ ने सीएम बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर पर हमला किया. मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया. लगभग 3 हजार लोग घर के बाहर इकट्ठा हो गए. विधायकों के घरों पर हमला करने के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटने की बात भी सामने आई है.
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