नई दिल्ली/डेस्क: आज (शुक्रवार, 12 जनवरी) स्वामी विवेकानंद जयंती है। स्वामी जी का नाम नरेंद्र था। इनका जन्म 1863 में कोलकाता में 12 जनवरी को हुआ था। 4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष की आयु में बेलूर मठ में विवेकानन्द की मृत्यु हो गई। स्वामी के विचारों को अपने जीवन में अपनाने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
स्वामी विवेकानंद जी के खास विचार:
- “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं होता।”
- “आप जैसा सोचते हैं, वैसा बन जाते हैं।”
- “अगर तुम अच्छे बनना चाहते हो, तो दुनिया को बदलो, अपने आप को बदलो।”
- “शिक्षा का मतलब तब ही है जब तुम जीवन को सीखते हो और उसे अच्छे तरीके से जीते हो।”
- “व्यक्ति को सच्चे धर्म की आवश्यकता है, न कि केवल रितिरिवाजों की।”
- “समस्त धर्म में मानवता को बचाने का एक ही तरीका है – सत्य और अहिंसा।”
- “हमारे मन का आकार हमारे विचारों द्वारा तय होता है।”
- “व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए उसको स्वतंत्रता दो, न कि उसे बाधित करो।”
- “सफलता की कुंजी स्वाधीनता है।”
- “एक सकारात्मक मानसिकता से नए विश्व की रचना हो सकती है।”
- “अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास रखो।”
- “जो कुछ तुम सोचते हो, वह तुम बन जाते हो। जो कुछ तुम बोलते हो, वह तुम बनते हो। और जो कुछ तुम करते हो, वह तुम में स्थित होता है।”
- “मुश्किलें हमारे आत्मविकास में सहारा करती हैं, इसलिए उन्हें दुःख के रूप में नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देखो।”
- “धर्म में ईमानदारी और सत्य का पालन करो, यही सबसे उच्च धर्म है।”
- “अपने आत्मविश्वास को कभी न खोएं, क्योंकि यही आपको आगे बढ़ने में सहारा देगा।”
- “स्वास्थ्य मनुष्य के जीवन का सर्वांगीण धरोहर है।”
- “अच्छा आत्मविश्वास रखो और सभी समस्याओं को पार करो।”
- “विजय का सच्चा अर्थ अपने लक्ष्यों को हासिल करना नहीं है, बल्कि उस यात्रा में निरंतर प्रगति करना है।”
- “आत्मा को जागृत करने और स्वयं को पहचानने की प्रक्रिया को समझो, यही सत्या ध्यान है।”
- “मनुष्य का उद्देश्य न केवल अपने लिए बल्कि पूरे समाज के लिए भी समर्थ होना चाहिए।”
स्वामी विवेकानंद जी के ये विचार हमें सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं और उनका संदेश है कि हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समर्थ होना चाहिए।
लेखक: करन शर्मा