गुजरात के सुरत में रहने वाले कुणाल चाण्डक ने हाल ही में बैंडी हॉकी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. जिसमें कुणाल चाण्डक की टीम ने रूस की टीम को मात देकर जीत हासिल की. बता दें कि बैंडी हॉकी आइस (बर्फ) पर खेला जाता है. इसको लेकर कुणाल ने कहा कि ‘मैं और मेरी टीम अभी इस खेल को प्रमोट कर रहे हैं’, बता दें कि कुणाल ने बैंड हॉकी भारतीय टीम के वाइस प्रेसिडेंट को रूप में प्रतिनिधित्व किया. भारतीय टीम ने वर्ल्ड चैंपियन रूस की टीम को 14/8 से हराकर जीत हासिल की.
शुरू से थी खेल और पढ़ाई में रूचि
पोकरण क्षेत्र के छायण गांव के रहने वाले कुणाल चाण्डक शुरू से ही प्रतिभाशाली है. उनके माता-पिता का कहना है कि कुणाल हमेशा से पढाई और खेल में अपना इंटरेस्ट दिखाता था. क्लास हो या खेल का मैदान वह हमेशा अव्वल रहता था. कुणाल की शुरूआती पढ़ाई सूरत के एक निजी स्कूल में हुई. इसी दौरान वह कश्मीर में आयोजित खेलो इण्डिया प्रतियोगिता में शामिल हुआ. जिसमें गुजरात टीम की और से कुणाल ने हॉकी का मैच खेला. यह मैच जीत कर विजेता टीम के खिलाड़ी कुणाल मैन ऑफ द मैच रहे.
अब रूस में लहराया परचम
इसके बाद गुजरात के खिलाडियों का सलेक्शन इण्डिया टीम में हुआ. इस टीम ने रूस में एक प्रतियोगिता खेली. जिसमें भारत और रूस के बीच मुकाबला हुआ. भारतीय टीम के खिलाड़ी कुणाल चाण्डक की अगुवाई में भारत ने फाइनल मैच जीत कर प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस तरह कुणाल ने रूस में भी जीत का परचम लहराया. रूस में भारतीयों द्वारा जीत का परचम लहराकर कुणाल ने न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है.
ढोल नगाड़ों से हुआ स्वागत
रूस से मैच जीतकर जब कुणाल अपने वतन वापस लौटा तो जगह-जगह उसका स्वागत किया गया. उसके सभी साथियों ने कुणाल और पुरी टीम का सूरत पहुंचने पर ढोल-नगाड़ो के साथ भव्य स्वागत किया. छायण गांव के कुणाल के घर बधाइयों का तांता लगा रहा. कुणाल ने रूस में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर साबित कर दिया है कि लगन और विश्वास सच्चा हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. वहीं मैच जीतने पर स्थानीय सरंपच सहित कई लोगों ने कुणाल को फोन कर बधाई भी दी.
लोगों ने कहा एक दिन विश्वस्तरीय टीम में होगा शामिल
छायण गांव से निकले युवा पीढ़ी को कुणाल ने जब रूस की टीम को हराकर वतन का नाम रोशन किया, तो लोगों ने उसका काफी हौसला अफजाई किया. लोगों का कहना है कि कुणाल के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है. लोगों का कहना है कि एक दिन यह बालक विश्व स्तरीय हॉकी खिलाड़ियों की टीम में शामिल होगा और पूरे विश्व में देश का नाम रोशन करेगा.