‘मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए’ वाले बयान के बाद कुछ ही घंटों में पलट गए लालू यादव… अब दी सफाई

Published

पटना/बिहार: जारी लोकसभा चुनाव के बीच बिहार की राजनीति का माहौल उस वक्त गरमा गया, जब राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ‘मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए’ वाला बयान दे दिया। लेकिन अपने बयान देने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कुछ ही घंटों में पलटी मार दी। और अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर सफाई देते हुए लिखा कि, “आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है। प्रधानमंत्री को इतनी सी भी समझ नहीं है। मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है। क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी हैं? मंडल कमीशन में 3,500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है, जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है।”

उन्होंने आगे लिखा कि, “ये हमसे बड़े और असली 𝐎𝐁𝐂 नहीं ना है? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की इनको समझ नहीं है। ये लोग बस एक-दूसरे को लड़ाते है। बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है। सन् 𝟐𝟎𝟎𝟎 में 𝐍𝐃𝐀 की भाजपाई सरकार ने तो बाजाब्ता “संविधान समीक्षा आयोग” ही गठित कर दिया था। ये लोग संविधान को मानते ही नहीं, अगर संविधान को मानते तो नफ़रत फैलाने वाली विभाजनकारी भाषा का प्रयोग नहीं करते।”

विपक्ष ने किया जमकर विरोध

बता दें कि लालू यादव के ‘मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए’ वाले बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने इसका विरोध किया। साथ ही पीएम मोदी ने भी अहमदनगर की एक रैली में लालू के इस बयान पर हमला बोला- पीएम मोदी ने कहा कि INDIA गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी का हक छिनना चाहता है।

वहीं बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि लालू कितनी भी कोशिश कर लें, मुसलमानों को अलग से रिजर्वेशन नहीं मिलेगा।