Army Chief Upendra Dwivedi: लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संभावा थल सेनाध्यक्ष का पदभार; जानें उनके बारे में कुछ खास बातें…

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Army Chief Upendra Dwivedi: लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार (30 जून) को नए सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाल लिया है, उन्होंने जनरल मनोज पांडे की जगह ली है। इससे पहले वे उप सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। बता दें कि केंद्र सरकार ने 11 जून को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का एलान किया था।

कौन हैं नए सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी?

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था। उन्हें 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था। लगभग 40 वर्षों की लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने विभिन्न कमान, स्टाफ, प्रशिक्षण और विदेशी नियुक्तियों में कार्य किया है।

उनकी कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), महानिरीक्षक, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने उप सेना प्रमुख के रूप में नियुक्ति से पूर्व 2022-2024 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी इसी साल 15 फरवरी को उप सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे। उन्होंने ऑपरेशन रक्षक के दौरान चौकीबल में एक बटालियन की कमान संभाली थी। चीन और पाकिस्तान की ओर से उत्पन्न चुनौतियों की गहरी समझ होने के कारण वह उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में अपने दो साल तक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी अध्ययन किया है। इसके अलावा, उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, यूएसए में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष कोर्स में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया जा चुका है।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम. फिल और सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां प्राप्त की हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया गया है।