ज्योति मौर्या की तरह ही गीता सागर ने भी छोड़ा पति का साथ, पहुंचा ससुराल तो करवा दी पिटाई

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मथुरा/उत्तर प्रदेश: आपने अभीतक न जाने कितनी पत्नियों की बेवफाई के किस्से सुने होंगे, लेकिन जबसे ज्योति मौर्या का केस सामने आया है, तबसे ने जाने ऐसे ही न जाने कितने मामले सामने आए हैं ऐसा ही एक मामला मथुरा से सामने आया है।

जहां पति ने अपनी पत्नी को पढ़ाया-लिखाया और फिर कोचिंग कराकर टीचर बनाया। मगर पत्नी तो ज्योति मौर्या की तरह अपना रंग दिखाने लगी। ये पूरा मामला कान्हा की नगरी मथुरा में देखने को मिला। जहां पर एक प्राइवेट टीचर ने अपनी पत्नी पर सरकारी नौकरी लगने के बाद उसे छोड़ देने का आरोप लगाया है।

2016 में हुई थी दोनों की शादी

मथुरा ब्लॉक के गांव नगला धनिया निवासी शैलेन्द्र सिंह की शादी आठ दिसम्बर वर्ष 2016 में महावन निवासी गीता सागर से हुई थी। शैलेन्द्र बीटेक करने के बाद एक प्राइवेट कॉलेज में टीचर था, जबकि गीता बीएड के बाद शिक्षिका बनने की तैयारी में लगी हुई थी।

69 हजार शिक्षक भर्ती में गीता का नम्बर भी आ गया और गीता की नियुक्ति बतौर शिक्षिका हो गई। इस दौरान गीता ने दो बच्चियों को भी जन्म दिया। कहानी में मोड़ यहीं से आता है। सरकारी नौकरी लगने के बाद गीता अपने मायके में रहने लगती है।

उसके पति शैलेन्द्र का आरोप है कि सरकारी नौकरी लगने के बाद उसकी पत्नी तब तक उसके साथ रही जब तक कि उसे वेतन नहीं मिला। जैसे ही उसे वेतन मिलने लगा उसकी पत्नी ने उसका साथ छोड़ दिया।

पत्नी की कोचिंग पर किए लाखों खर्च

शैलेन्द्र का आरोप है पत्नी को टैट की कोचिंग के लिए उसने खुद ने भी पढ़ाया और करीब एक लाख रुपए कर्जे पर लेकर उसे कोचिंग भी दिलवाई। शैलेन्द्र ने कहा कि उसकी पत्नी उसकी दोनों बेटियों को लेकर करीब दो साल से अपने मायके रह रही है।

वह उसे कई बार लेने भी गया, लेकिन उसके ससुरालीजनों ने उसके साथ मारपीट कर दी।

पत्नी ने शैलेंद्र के आरोपों को बताया गलत

इस पूरे मामले में शैलेन्द्र की पत्नी गीता सागर से फोन पर बात हुईं। गीता ने अपने पति के आरोपों को नकारते हुए उल्टे उसी के ऊपर आरोपों की बौछार कर दी। गीता ने आरोप लगाया कि उसका पति उसे आए दिन मारता पीटता था।

दहेज के लिए परेशान किया करता था। जिससे परेशान होकर उसने तलाक लेने का फैसला किया है, न कि नौकरी लगने के चलते उसे छोड़ा है।

वहीं गीता ने कहा कि उसकी पढ़ाई पर खर्चा करने का उसके पति का दावा भी गलत है, उसकी पढ़ाई पर सारा खर्चा उसके पिता ने किया है। वहीं, इस मामले में ग्रामीणों ने भी शैलेन्द्र के आरोपों को सही बताया।