लखनऊ/उत्तर प्रदेश: लखनऊ की CBI अदालत ने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या मामले में सात आरोपियों को दोषी ठहराया है। वहीं, इस मामले में छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और कुल 11.65 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं के तहत दी गई सजा
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, लखनऊ की विचारण अदालत ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 147, 148, 149, 302, और 307 के तहत दोषी ठहराया है। इसके अलावा, एक आरोपी को भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत भी दोषी ठहराया गया है।
सातों आरोपियों के नाम
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या में अदालत ने इन सात लोगों (आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलहसन, रंजीत पाल और अब्दुल कवि को दोषी पाया था।
बता दें कि मामले के दौरान एक दोषी अदालत में अनुपस्थित रहा और उसके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर से की गई थी मामले की जांच
सीबीआई ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इस मामले की जांच की थी और इसके परिणामस्वरूप आरोपियों को दोषी ठहराया गया।
मामले के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने धूमनगंज पुलिस स्टेशन क्षेत्र में राजू पाल और उनके सहयोगियों की हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया था। यह आरोप था कि आरोपी लोगों ने उनके वाहन को रोका और उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी।
इस मामले में पहले 10 आरोपी बनाए गए थे
इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से एक आरोपी की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसका नाम मामले से हटा दिया गया।
अदालत ने दिनांक 20.10.2022 को 9 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। विचारण के दौरान, दो आरोपी की मौत हो गई थी, इसलिए उनके विरुद्ध विचारण हटा दिया गया।
बात दें कि आरोपियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा सुनाई गई। साथ ही इस मामले के विचारण में अदालत ने साबित किया कि अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषियों को कठोर सजा देने का निर्णय लिया।