Ambubachi Mela: मां कामाख्या देवी मंदिर तीन दिनों के लिए बंद; अंबुबाची मेला आज से शुरू

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Ambubachi Mela: असम के नीलांचल पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध मां कामाख्या देवी मंदिर आज से तीन दिनों के लिए बंद रहेगा। मंदिर बंद होने का कारण यहां आयोजित होने वाला अंबुबाची मेला है, जो हर साल इसी समय मनाया जाता है। यह मेला 22 जून को सुबह 8:45 बजे से शुरू हुआ और 25 जून की रात 9:08 बजे तक चलेगा। इस दौरान मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहेंगे और 26 जून की सुबह परंपरागत रूप से फिर से खोले जाएंगे।

मंदिर का महत्व

मां कामाख्या देवी का मंदिर हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह वही स्थान है जहां देवी सती का योनी भाग गिरा था। इस मंदिर को हजारों सालों से तांत्रिकों की साधना स्थली के रूप में जाना जाता है। यहां हर साल बड़ी संख्या में साधु-संत और तांत्रिक साधना और तंत्र क्रियाओं के लिए आते हैं।

अंबुबाची मेले की विशेषता

अंबुबाची मेला एक प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो विशेष रूप से तांत्रिकों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान देश-विदेश से लाखों भक्त गुवाहाटी में स्थित मां कामाख्या मंदिर में आते हैं। इस वर्ष, मेले की शुरुआत 22 जून से हुई है और 25 जून तक चलेगी। मेला समाप्त होने के बाद, 26 जून की सुबह मंदिर के कपाट फिर से खोले जाएंगे।

अंबुबाची का अर्थ?

अंबुबाची का अर्थ ‘पानी से बात करना’ होता है, जो इस पर्व का महत्व दर्शाता है। यह पर्व वर्षा के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, जो धरती को उपजाऊ और प्रजनन के लिए तैयार करता है। इस समय अवधि के दौरान दैनिक पूजा-पाठ बंद कर दिया जाता है, और सभी कृषि कार्यों जैसे खुदाई, जुताई, बुवाई और फसलों की रोपाई पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

भक्तों की धूम

अंबुबाची मेले के दौरान मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। इनमें पश्चिम बंगाल के साधु, संन्यासी, अघोरी, बाउल, तांत्रिक, और साध्वी शामिल होते हैं। ये लोग आध्यात्मिक गतिविधियों का अभ्यास करने के लिए आते हैं। इस दौरान तांत्रिकों के लिए यह समय सिद्धि प्राप्ति का अनमोल समय माना जाता है।

साफ-सफाई और पुनः पूजा

अंबुबाची मेले के समापन के बाद, चौथे दिन, घर के सामान, बर्तन और कपड़े धोकर, पवित्र जल से शुद्ध किए जाते हैं। इसके बाद देवी कामाख्या की पूजा शुरू की जाती है, और मंदिर में प्रवेश को शुभ माना जाता है।

मेले का पहला वीडियो आया सामने…

मां कामाख्या देवी मंदिर के इस पर्व के दौरान, भक्तों की आस्था और श्रद्धा का महाकुंभ देखने को मिलता है। इस मौके पर लोग अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए मां कामाख्या के दरबार में हाजिरी लगाते हैं।