Maharashtra: औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

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महाराष्ट्र के दो शहरों के नाम बदलने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को मुहर लगा दी। अब औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर होगा और उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक और औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया था।

शिंदे ने मोदी और शाह को किया धन्यवाद

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने नाम बदलने की मंजूरी पर केंद्रिय गृहमंत्री और पीएम मोदी का आभार आभार जताया है। साथ ही फडणवीस ने कहा कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम परिवर्तन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में स्थापित सरकार ने कर दिखाया। फडणवीस ने गृहमंत्रालय द्वारा राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव को शुक्रवार को दो पत्र ट्वीट किया। जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार को महाराष्ट्र के इन दो शहरों के नाम बदलने पर कोई आपत्ती नहीं है।

नामांतरण के लिए कई बार हो चुका था प्रयास

औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए काफी लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। एक बार बाला साहेब ठाकरे ने औरंगाबाद को छत्रपति संभाजीनगर कहा था। जिसके बाद से हिंदूवादी संगठन और शिवसेना के कार्यकर्ता इसे संभाजीनगर कहते थे। 1996 में भी कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम बदले जाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी थी। लेकिन मंत्रीमंडल के इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने सरकार के पक्ष में ही इसका फैसला सुनाया। इसके बाद याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट चला गया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सरकार के पक्ष में आया लेकिन बाद में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन चुनाव हार गया जिसके बाद ये मामला लटक गया।

औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदले जाने पर भाजपा और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और ढोल बजाकर इस फैसले का स्वागत किया।

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