“गंदे सवाल पूछ रही थी एथिक्स कमेटी”- महुआ मोइत्रा, निशिकांत दूबे ने बताई ये बात

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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसदों ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले पर संसदीय आचार समिति की बैठक से बाहर चली गई और बैठक के संचालन के तरीके पर सवाल उठाएं।

हालांकि, समिति ने यह कहते हुए पलटवार किया कि उन्होंने सहयोग नहीं किया और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए चली गई।

आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि सांसद मोइत्रा ने अपनी जिरह के दौरान सहयोग नहीं किया और सवालों का सामना करने से बचने के लिए बाहर चली गईं। सोनकर ने कहा, “महुआ मोइत्रा ने समिति और जांच में सहयोग नहीं किया। विपक्षी सदस्यों ने भी गुस्से में आरोप लगाए और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए अचानक बैठक से बाहर चले गए।” उन्होंने कहा कि, “पैनल की कार्यप्रणाली और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।”

सूत्रों ने कहा कि समिति के समक्ष उनके बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्राई के साथ उनके संबंधों के बारे में था क्योंकि वह लीक और आरोपों के लिए उन्हें दोषी ठहराती दिखाई दीं।

जानिए इस ममले में निशिकांत दूबे ने क्या कहा?

TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, ”उन्होंने (महुआ मोइत्रा) जनता के सामने एक गलत नैरेटिव बनाने का प्रयास किया है। वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति (विनोद सोनकर) आचार समिति का अध्यक्ष कैसे बन गया और वे उनके खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं।”