राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो कोई दृष्टि थी और न ही कोई दिशा- मल्लिकार्जुन खड़गे 

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नई दिल्ली/डेस्क: 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है। 10 दिनों का यह सत्र 24 जून को शुरू हुआ था, जो 3 जुलाई तक चलेगा। संसद के पहले सत्र का आज छठा दिन है। दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हो चुकी है। राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए सरकार को घेरा। वहीं संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हुई। लोकसभा में सत्ता पक्ष की तरफ से अनुराग ठाकुर ने और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा की शुरुआत की।

“राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो कोई दृष्टि थी और न दिशा”

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं। इस साल राष्ट्रपति का पहला संबोधन जनवरी में और दूसरा जून में था। पहला संबोधन चुनाव के लिए था और दूसरा उसकी एक प्रति थी। इसके लिए कुछ भी नहीं था।” राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो कोई दृष्टि थी और न ही कोई दिशा, पिछली बार की तरह यह सिर्फ सरकार के लिए प्रशंसा के शब्दों से भरा था।”

“अग्निवीर योजना को खत्म किया जाना चाहिए…”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अग्निवीर पर कहा, अग्निवीर जैसी अनियोजित और ‘तुगलकी’ योजना लाकर युवाओं का मनोबल तोड़ा गया है। मैं मांग करता हूं कि अग्निवीर योजना को खत्म किया जाना चाहिए।”

लेखक-प्रियंका लाल

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