नई दिल्ली। एक महिला और दो बच्चों के शव जिरी नदी में तैरते पाए जाने को लेकर शुरू हुई जिरीबाम जिले में हिंसा की लहरें राजधानी इंफाल तक पहुंच गईं. घटना को लेकर शनिवार को स्थिति और खराब हो गई और राजधानी इंफाल पश्चिम में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राजनीतिक नेताओं के घरों को निशाना बनाया. जिसके बाद बिगड़ती हालात के कारण इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है.
इंटरनेट सेवाएं निलंबित
इंफाल पश्चिम में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे भीड़ ने कई भाजपा नेताओं, बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह, उरीपोक विधायक रघुमणि सिंह, और पटसोई विधायक सपाम कुंजाकेश्वर – के साथ-साथ निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत के आवासों सहित वाहनों और संपत्तियों पर हमला किया और आग लगा दी. इंफाल पूर्व और पश्चिम दोनों जिलों सहित सात जिलों में दो दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई.
क्या है नया विवाद
ज्ञात हो कि जिरीबाम में जातीय विभाजन के दोनों पक्षों में कई मौतों के बाद राजधानी में अराजकता फैल गई है. सोमवार को एक पुलिस स्टेशन में मीतई लोगों के लिए बने राहत शिविर को कथित तौर पर हथियारबंद लोगों ने निशाना बनाया था, जिसके बाद CRPF ने हमार समुदाय के 10 लोगों को गोली मार दी थी. हमले के बाद राहत शिविर के आठ सदस्य लापता हो गए थे. जिसके कुछ देर बाद दो बुजुर्गों के शव बरामद किए गए. तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हैं. फिर शुक्रवार को एक महिला और दो बच्चों के शव बरामद किए गए, जिससे तनाव और बढ़ गया.
महत्वपूर्ण मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश
घटना को लेकर शनिवार को केंद्र ने भी हस्तक्षेप किया. केंद्र द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है, दोनों समुदायों के हथियारबंद उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं, जिसके कारण दुर्भाग्यपूर्ण रूप से लोगों की जान जा रही है और सार्वजनिक व्यवस्था में समस्या हो रहा है.
सभी सुरक्षा बलों को व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. हिंसक गतिविधियों में लिप्त होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.केंद्र ने राज्य सरकार को सभी महत्वपूर्ण मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का भी निर्देश दिया.