बहुमत से पहले 9 का गणित, जाने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में क्यों मायने रखता है ये नंबर?

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बहुमत से पहले 9 का गणित, जाने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में क्यों मायने रखता है ये नंबर ?

नई दिल्ली। राजनीति में नंबर का खेल बहुत मायने रखता है. आप ऐसा भी कह सकते है, राजनीति में सत्ता और पावर नंबर से तय होता है. जिसका नंबर ज्यादा उसकी उतनी पूछ. आम लोगों के लिए यह नंबर भले ही सिर्फ गणना के लिए हो लेकिन राजनीति में इसका महत्व गणना से काफी ज्यादा है. इसलिए तो राज नेता जब भी राजनीति में कदम रखते हैं. नंबर के खेल का परहेज खूब रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि संख्या 9 राजनेताओं के लिए भाग्यशाली होता है.आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस नंबर का खूब ख्याल रखा जा रहा है.

अंकज्योतिष के आधार पर उम्मीदवारों की घोषणा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट  में 99 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. इसके साथ-साथ मनसे और शिवसेना ने भी 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की. विधानसभा चुनाव एकला चलो रे की भूमिका निभा रहे राज ठाकरे ने भी पहले लिस्ट में 45 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की है.

अब जब आप सभी के नंबरों का गणना करेंगे तो आप पाएंगे की अंक 4+5 = 9 दिखाई देता है. जो इन नेताओं के लिए भाग्यशाली है. बीजेपी, शिवसेना और एमएनएस ने अंकज्योतिष के आधार पर ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है.

क्या है महाराष्ट्र में संख्या 9 के गणित

महाराष्ट्र में  संख्या 9 सिर्फ  किसी एक पार्टी के शुभ नहीं है बल्कि इतिहास से लेकर वर्तमान तक की ऐसे नेता है जिनके के अंकगणित के यह नंबर लाभदायक है. राज्य लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के सूत्रधार रहे प्रमोद महाजन ने भी इस नंबर का खासा ध्यान रखा था.

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राज्य में जब पहली बार दोनों पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था तो शिवसेना 170 और बीजेपी 118 का फार्मूला तय हुआ था, लेकिन प्रमोद महाजन ने बालासाहेब ठाकरे से चर्चा के बाद यह फॉर्मूला बदल दिया. क्योंकि इस मेल में 9 अंक नहीं था. बालासाहेब ठाकरे के राजनीतिक करियर में 9 अंकों की छवि  साफ साफ देखी जा सकती थी. जिसका नतीजा है कि आज कई शिवसेना कार्यकर्ताओं इस अंक को प्राथमिकता देते है.

23 नवंबर को आएगा महाराष्ट्र चुनाव का नतीजा

राजनीतिक सफलता के लिए भले ही अंक ज्योतिष पर पार्टियों और नेताओं द्वारा खूब ध्यान दिया जा रहा हो, लेकिन जनता अपनी सुनती है. नतीजा होता है कि अंकों के इस ज्योतिष में भविष्य जनता ही तय करते हैं. सत्ता के गणित में 9 अंक के पीछे भाग रही इन पार्टियों के असली नतीजा 23 नवंबर को सामने आएगा.  ऐसे में यह देखना अहम होगा कि सियासी अखाड़े में यह 9 अंक का ज्योतिष कितना काम आएगा.

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