दिल्ली में पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच हुई मिटिंग, मीडिया को बताया PM मोदी के खिलाफ कौन होगा गठबंधन का PM फेस?

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चार दिवसीय यात्रा पर रविवार (17 दिसंबर) को दिल्ली पहुंचीं। आज यानी बुद्धवार (20 दिसंबर) दिल्ली यात्रा के आखिरी दिन सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से मुलाकात की। क्योंकि पीएम से मुलाकात का उन्हें 20 दिसंबर का समय दिया गया था। बता दें कि ममता बनर्जी और पीएम के बीच पश्चिम बंगाल की बकाया राशि जारी करने की मांग पर बातचीत हुई।

मनरेगा फंड पर पीएम से हुई चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद सीएम ममता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत की, इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि, ”हमारे सांसदों समेत दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पीएम से मुलाकात की। मैंने पीएम से राज्य को देय फंड जारी करने का आग्रह किया। पीएम ने कहा कि इस पर केंद्र और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के बीच संयुक्त बैठकें होंगी।”

बता दें कि ममता बनर्जी ने दिल्ली आने से पहले ही इस बात का दवा किया था कि वे केंद्र को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल को 1.15 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि देनी है, जिसपर वो पीएम मोदी से मिलकर इसपर चर्चा करेंगी।

मीडिया ने जब कल हुई INDIA गठबंधन की बैठक के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि, “मैंने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम PM उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया है। दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने भी मेरी बात का समर्थन किया है।” क्योंकि जब मिटिंग में और नेताओं के द्वारा पुछा गया कि आपके फेस कौन है तो मैंने खरगे का नाम मिलाया।

पीएम फेस के लिए खरगे का नाम ही क्यों?

बता दें कि INDIA गठबंधन की चौथी बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर पीएम फेस तक पर चर्चा हुई। हालांकि अभी किसी भी प्रस्ताव पर मोहर नहीं लगी है। क्योंकि अभी पीएम फेस को लेकर प्रस्ताव पर विवाद जारी रह सकता है। भले ही गठबंधन की 12 पार्टियों का समर्थन खरगे के पक्ष में रहा हो। पीएम फेस को लेकर खरगे के नाम पर मोहर इस लिए भी लग सतकी है क्योंकि बैठक में पहुंची 28 पार्टियों से जब चुनाव में जाने से पहले पीएम फेस पर चर्चा हुई तो ज्यादातर पार्टियों का पक्ष रहा कि वे चुनाव में दलित चेहरे के साथ जाएं। क्योंकि खरगे गठबंधन में एक मात्र ऐसा चेहरा हैं, पश्चिम के साथ साथ हिंदी भाषी राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ेंगे। क्योंकि हिंदी भाषी राज्यों में दलित और पिछड़े वोटों का प्रतिशत ज्यादा है और इसका सीधा असर लोकसभा चुनावों में दिखाई देगा।

हालांकि, बैठक में कुछ दलों को खरगे के पक्ष में पसंद नहीं आएगे ये बात सही साबित हो सकती है और इस बात को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जदयू नेता नीतीश कुमार काफी नारज दिखे हैं! इस बात की चर्चाएं हैं।

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