नई दिल्ली/डेस्क: गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की, जिसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों के कानूनों में सुधार करना है। उन्होंने बताया कि नए कानूनों से पहली बार आतंकवाद की व्याख्या की जा रही है और राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है। इन कानूनों में व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार, और सबके साथ समान व्यवहार के सिद्धांतों पर आधारित प्रस्तावित कानून हैं।
कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में भी बताया गया, जैसे कि CRPC में शिकायत पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया और विशेषकर, मॉब लिंचिंग को घृणित अपराध माना जाएगा और इसके लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। यौन हिंसा के मामलों में महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट को बयान दर्ज करने का अधिकार होगा और झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा।
गैंगरेप के मामलों में 20 साल की सजा और छोटे-मोटे अपराधिक मामलों में समरी ट्रायल में तेजी लाने का भी प्रावधान है। साथ ही, सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य होगी और घोषित अपराधियों की सम्पत्ति को बाहर भी जब्त किया जा सकेगा। गृहमंत्री ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है और इनके बाद मानव अधिकारों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को भी महत्वपूर्ण माना गया है।
लेखक: करन शर्मा