18 लाख की जॉब के लिए छोड़ दी 23 लाख की सैलरी, जानें क्यों वायरल हो रही इस शख्स की कहानी

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नौकरी में आप क्या-क्या खोजते हैं ? पैसा, सुकून, worklife balance या कुछ और ?  इस सवाल के जवाब में आप अपने जरूरत के हिसाब से विकल्प

नई दिल्ली। नौकरी में आप क्या-क्या खोजते हैं ? पैसा, सुकून, worklife balance या कुछ और ?  इस सवाल के जवाब में आप अपने जरूरत के हिसाब से विकल्प चुनेंगे. लेकिन ज्यादातर लोग पैसे को प्राथमिकता देते हैं.

23 लाख के बदले 18 लाख की नौकरी

आज के प्रतिस्पर्धी मार्केट में लोग आपका और आपके कार्य का मूल्यांकन करते समय आपके वेतन को ही ध्यान में रखते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी जिनके लिए पैसा दूसरी प्राथमिकताओं में आता हैं.हाल ही में एक व्यक्ति ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में बताया कि उनके दोस्त ने ₹ 23 लाख प्रति वर्ष की वेतन के बजाय ₹ 18 लाख प्रति वर्ष की नौकरी की स्वीकार किया. उसने ऐसा इसलिए क्या क्योंकि उसके लिए उसकी प्राथमिकता “वर्क लाइफ बैलेंस” हैं.

पोस्ट कर साझा की जानकारी

मार्केटिंग प्रोफेशनल देव कटारिया ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में  बताया कि उनके दोस्त ने हाल ही में ₹ 23 लाख प्रति वर्ष सैलरी के बजाय ₹ 18 लाख प्रति वर्ष सैलरी स्वीकार करने का फैसला किया. कटारिया ने अपने पोस्ट में कहा कि शुरू में उन्हें अपने दोस्त के फैसले पर संदेह हुआ, लेकिन फिर उनके दोस्त के तर्क जिसमें आज कल केवल वित्तीय प्रोत्साहनों की तुलना में वर्क लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देने की बात से वो सहमत हुए.

वेतन से अधिक महत्वपूर्ण है worklife balance

कटारिया के दोस्त ने जिस कंपनी को चुना है,वो अपने कर्मचारियों  को सप्ताह में पाँच दिन काम करने की सुविधा देती है और कर्मचारी अपने घर से भी काम कर सकता है.जबकि 23 LPA का प्रस्ताव एक ऐसी फर्म से आया, जो सप्ताह में 6 दिन कार्य सप्ताह का सख्ती से पालन करती है और दूर से काम करने का कोई विकल्प नहीं है. इसके कारण कर्मचारियों को  व्यक्तिगत समय के लिए बहुत कम या फिर कोई समय नहीं बचता हैं. 

47 प्रतिशत gen g के लिए worklife balance है प्राथमिकता

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार 47 प्रतिशत gen g पेशेवर दो साल के भीतर अपनी नौकरी छोड़ने की योजना इसलिए बना रहे हैं क्योंकि वो  worklife balance को प्राथमिकता देते हैं.यह रिपोर्ट्स अनस्टॉप द्वारा किए गए 5,350 से अधिक gen g और 500 अन्य पेशेवरों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है. हालांकि रिपोर्ट में gen g को लेकर यह भी कहा गया है कि 51 प्रतिशत लोगों ने वर्तमान में नौकरी छूटने का डर व्यक्त किया है.

-गौतम कुमार