Monsoon session of Parliament: 22 जुलाई से शुरू हो सकता है संसद का मॉनसून सत्र, 9 अगस्त तक चलेगा सेशन

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Monsoon session of Parliament: संसद का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होने की संभावना है और यह 9 अगस्त तक चल सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल का पहला बजट 22 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार तीसरी बार वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली। यह उनका 7वां बजट और 6वां पूर्ण बजट होगा। हालांकि, इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यह सिर्फ सूत्रों के हबाले से अनुमान लगाया जा रहा है।

24 जून को होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव

इससे पहले, 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होगा, जो 8 दिनों तक चलेगा। सत्र के पहले तीन दिनों में नवनिर्वाचित सांसद शपथ ग्रहण करेंगे और 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। टीडीपी और जेडीयू की ओर से स्पीकर पद के लिए भी दावेदारी की जा रही है, लेकिन भाजपा नेता और चंद्रबाबू नायडू की साली, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी का नाम सबसे आगे है। वह राजमुंदरी से लोकसभा चुनाव जीतकर आई हैं।

राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण

26 जून को सत्र के तीसरे दिन लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद, 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी और नई सरकार के आगामी पांच सालों के कार्यों की रूपरेखा पेश करेंगी। इसके बाद, 3 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने की संभावना है।

27 जून से शुरू होगा राज्यसभा का सत्र!

राज्यसभा का 264वां सत्र भी 27 जून से शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद में अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय देंगे। इसके बाद, 22 जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया जाएगा, जिसमें देश की आर्थिक नीतियों और योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी।

मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट

बता दें कि मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल का यह पहला बजट महत्वपूर्ण होगा, जिसमें आगामी वर्षों के लिए आर्थिक योजनाओं और नीतियों की दिशा तय की जाएगी। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 293 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है। बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि बाकी सीटें सहयोगी दलों ने जीतीं।

संसद के मॉनसून सत्र का यह महत्वपूर्ण समय न केवल नई सरकार के एजेंडे को निर्धारित करेगा, बल्कि आगामी आर्थिक योजनाओं को भी स्पष्ट करेगा। यही कारण है कि सभी की नजरें इस सत्र पर होंगी, खासकर बजट और आर्थिक नीतियों पर, जो देश के विकास की दिशा तय करेंगी।