मोसाद ने खाई कसम, हमास का होगा काम तमाम

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नई दिल्ली/डेस्क: अगर आपसे पूछा जाए कि पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक और खूंखार खुफिया एजेंसी कौन है तो आपके दिमाग में सबसे पहले CIA, RAW या Mossad का नाम आएगा। और अगर आप भू-राजनीति में रुचि रखते हैं तो बिना किसी संदेह के आप इजराइल की मोसाद को नंबर एक रैंक पर रखेंगे।

मोसाद की ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है, अगर एक भी इजरायली नागरिक को कुछ हुआ तो मोसाद पाताल से भी उस हत्यारे को ढूंढ निकालेगी और अपना काम पूरा करने में देर नहीं लगाएगी। अब जरा सोचिए कि हमास का क्या होगा? क्योंकि हमास का नामोनिशान मिटाने की जिम्मेदारी मोसाद को सौंपी दी गई है।

फिलहाल हमास के कई नेता कतर में रहते हैं। हालाँकि, कई रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि इज़राइल कतर में हमास के नेतृत्व को निशाना नहीं बनाएगा। लेकिन सरकार से जुड़े लोग इस दावे को नकारते रहे हैं। क्योंकि आमतौर पर ऐसे आदेश गुप्त होते हैं।

क्या है प्लान?

अब इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि नेतन्याहू ने खुद सीजफायर का जिक्र करते हुए कहा कि समझौते में इस बात का जिक्र नहीं है कि हमास नेताओं को नहीं मारा जाएगा। हालांकि नेतन्याहू ने कतर में रहने वाले हमास नेताओं के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाने का वादा किया है, लेकिन मोसाद की कार्य संस्कृति से हर कोई अच्छी तरह से वाकिफ है।

सबसे पहले, हमास के कई नेता हैं जो लेबनान और तुर्की में स्थित हैं और कभी-कभी ईरान और सीरिया जैसे अन्य देशों का दौरा करते हैं। ऐसे में अगर हमास के कुछ नेता कतर छोड़ देते हैं तो बाकी लोग मिडिल ईस्ट में मोसाद से बच नहीं पाएंगे।

इजराइल ने उत्तरी गाजा के लगभग सभी इलाकों पर कब्जा कर लिया है, लेकिन इजराइल अभी भी हमास के गाजा प्रमुख याह्या सिनवार और सैन्य प्रमुख मोहम्मद दीफ का पता नहीं लगा सका है। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि अगर हमास के सभी प्रमुख नेता कतर में छिपे हैं तो ये दोनों भी वहां जा सकते हैं ताकि इजराइल उन पर हमला न कर सके।

क्या कतर में हमास नेता हमेशा सुरक्षित रहेंगे?

ये कभी संभव नहीं होगा। क्योंकि कतर तक पहुंचने का रास्ता बेहद खतरनाक है. क्योंकि इसके लिए हमास नेताओं को मिस्र के सिनाई से होकर गुजरना होगा, जहां से इजरायली एजेंट उन्हें चुन-चुनकर मारेंगे. मोसाद के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो कुछ दिनों में आपको ऐसी खबरें सुनने को मिल सकती हैं।

लेखक: करन शर्मा