झारखंड में हिंदू आबादी घटने और मुस्लिम माइग्रेशन पर सांसद निशिकांत दुबे की चेतावनी

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने संसद के मानसून सत्र में झारखंड और अन्य राज्यों में घटती हिंदू आबादी और बढ़ते मुसलमानों के माइग्रेशन को लेकर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में आदिवासी जनसंख्या 2000 से घटकर 26% रह गई है और इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही।

दुबे ने पश्चिम बंगाल और बिहार के जिलों से मुस्लिम माइग्रेशन पर भी चिंता जताई और एनआरसी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंदू गांवों को खाली कराया जा रहा है और इससे संबंधित मामलों की संसद की कमिटी द्वारा जांच की जानी चाहिए।

घुसपैठ और माइग्रेशन का मुद्दा

दुबे ने आरोप लगाया कि बंग्लादेश से घुसपैठ लगातार बढ़ रहा है और इन घुसपैठियों ने आदिवासी महिलाओं से शादी कर ली है। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं आदिवासी कोटे से चुनाव लड़ती हैं, जबकि उनके पति मुसलमान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई आदिवासी मुखिया और अन्य प्रतिनिधियों के पति मुसलमान हैं।

मुसलमानों की बढ़ती आबादी पर ध्यान

सांसद ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान वोटरों की संख्या हर 5 साल में 15 से 17 प्रतिशत बढ़ती है, लेकिन झारखंड में कुछ क्षेत्रों में वोटरों की संख्या 110-123 प्रतिशत तक बढ़ी है। उन्होंने विशेष रूप से एक विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख किया, जहां 267 बूथों पर मुसलमानों की आबादी 117 प्रतिशत बढ़ गई है।

हिंदू गांवों के खाली होने का आरोप

दुबे ने कहा कि झारखंड के कुछ इलाकों में, जैसे पाकुड़, तारा नगर, इलामी और दागा पाड़ा में दंगे हुए हैं, जो कि बंग्लादेश से घुसपैठ कर आए मुसलमानों द्वारा हिंदू गांवों को खाली कराने के कारण हुए। उन्होंने भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और इन क्षेत्रों को यूनियन टेरिटरी बनाने की और एनआरसी लागू करने की भी मांग की और संसद की कमिटी भेजने की मांग की और धर्मांतरण के जरिए शादी के लिए परमिशन जरूरी करने की मांग की.