नई दिल्ली/डेस्क: भारत की केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने इस्लाम के पवित्र स्थानों में से एक, मदीना शहर की ऐतिहासिक यात्रा की है। इस यात्रा को लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब की आलोचना की है। उनका कहना है कि सऊदी अरब को गैर मुस्लिम महिला को मदीना की यात्रा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
इसे लेकर सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ विवाद भी बढ़ा है। स्मृति इरानी, जो एक गैर-मुस्लिम भारतीय महिला हैं, मदीना पहुंची थीं और इसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद उत्पन्न हुआ है।
दो दिन पहले, भारत और सऊदी अरब के बीच एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हो गए थे। इस समझौते में इस वर्ष के हज यात्रा के लिए 175025 तीर्थयात्रियों का कोटा निर्धारित किया गया है, जिसे “द्विपक्षीय हज समझौता 2024” कहा जा रहा है। इस समझौते पर, सऊदी हज और उमरा मंत्री तौफीक बिन फौजान अल-रबिया ने हस्ताक्षर किए हैं।
स्मृति इरानी ने ट्विटर पर यह साझा किया, “”आज मदीना की ऐतिहासिक यात्रा की, इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक में पैगंबर की मस्जिद अल मस्जिद अल नबवी, उहुद के पहाड़ और क्यूबा मस्जिद – इस्लाम की पहली मस्जिद की परिधि की यात्रा शामिल है।” हालांकि, उनकी यह यात्रा सोशल मीडिया पर मुस्लिम कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आई।
हालांकि, इसे लेकर सोशल मीडिया पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का प्रतिरोध देखने को मिला। ये लोग उनकी तस्वीरों पर आपत्ति जता रहे हैं कि एक हिंदू महिला बिना सिर ढके इस्लाम के पवित्र स्थानों पर क्यों गई। इस पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ मुहिम चलाने का निर्णय लिया है।
लेखक: करन शर्मा