Shri Krishan Janm Bhoomi Case: मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के लिए अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष द्वारा दायर 15 मुकदमों को सुनवाई योग्य माना है। मुस्लिम पक्ष की याचिका में प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट, और स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत इन मुकदमों की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले का असर यह होगा कि हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल 15 मुकदमों पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 31 मई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था और आज इस पर फैसला सुनाया गया है। अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां खारिज
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं को प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट के तहत बाधित बताकर खारिज किए जाने की दलील पेश की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों पूजा स्थलों को एक साथ संचालित करने की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, अब इस समझौते की वैधता पर सवाल उठाए जा रहे हैं और मंदिर पक्ष इसे धोखाधड़ी से किया गया और कानून में अमान्य बता रहा है। वे विवादित स्थल पर पूजा करने के अधिकार का दावा करते हुए शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा अदालत में लंबित सभी मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया था।