60 साल बाद टूटा रिकॉर्ड..! नरेंद्र मोदी ने ली तीसरी बार पीएम पद की शपथ…

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नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण उस समय आया जब नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में नरेंद्र मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे जैसे विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

60 साल बाद टूटा रिकॉर्ड

नरेंद्र मोदी (73) ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल की है। जवाहरलाल नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 के आम चुनावों में लगातार जीत हासिल कर प्रधानमंत्री पद संभाला था। मोदी ने भी अब 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व में भारी बहुमत हासिल कर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। यह ऐतिहासिक रिकॉर्ड लगभग 60 साल बाद टूटा है, जो भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।

शपथ ग्रहण समारोह की भव्यता

प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां भी मौजूद थीं। उद्योग जगत से गौतम अडानी और मुकेश अंबानी ने कार्यक्रम में शिरकत की। बॉलीवुड से शाहरुख खान, अक्षय कुमार जैसे प्रमुख अभिनेता भी इस मौके पर उपस्थित रहे। इसके अलावा, टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इस भव्य समारोह में भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जगत की बड़ी हस्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया। नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो भारतीय राजनीति में उनकी प्रमुखता और लोकप्रियता को दर्शाता है।

विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस अवसर पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति से यह समारोह और भी खास बन गया। श्रीलंका, मालदीव, सेशेल्स, बांग्लादेश, मॉरीशस, नेपाल और भूटान जैसे देशों के नेताओं ने अपनी उपस्थिति से भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों का संकेत दिया। इन देशों के नेताओं की उपस्थिति से भारत की विदेश नीति की सफलता और मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका की पुष्टि होती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह शपथ ग्रहण समारोह न केवल भारतीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति और वैश्विक संबंधों के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेकर इतिहास रच दिया है और भारतीय राजनीति में एक नई दिशा और गति प्रदान की है।