नई दिल्ली/डेस्क: भारतीय नौसेना पहली बार 50 देशों के साथ 19 से 27 फरवरी तक नौसैनिक युद्धाभ्यास करने जा रही है. इतने व्यापक स्तर के नौसैनिक युद्धाभ्यास ‘मिलन-24’ में 18 युद्धपोतों और विमानों का बड़ा महासागर और बंदरगाह पर सैन्य अभ्यास करेगा. मिलन से देश के नौसैनिक हितों की सुरक्षा सर्वोपरि है.
51 देशों की नौसेनाएं शामिल
भारतीय नौसेना आज से विशाखापत्तनम में सबसे बड़े सैन्य अभ्यास मिलन-24 की शुरुआत कर रही है. इसमें 51 देशों की नौसेनाएं शामिल हो रही है. जिनके 35 प्रमुख वॉरशिप और 50 एयरक्राफ्ट मिलन-24 में शामिल होने भारत पहुंच चुके हैं. मिलन-24 का यह 12वां एडीशन है, जो 27 फरवरी तक चलेगा। नौसेना ने इसे ट्रिपल C (सौहार्द, सामंजस्य, सहयोग) की थीम दी है. मिलन-24 हर दो साल में होने वाला सैन्य युद्धाभ्यास है, जो 1995 में केवल चार देशों के साथ शुरू हुआ था.
पहली बार आयोजित होगा इतना बड़ा नौसैनिक अभ्यास
मिलन-24 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम, थाईलैंड के अलावा मालदीव, यूके, मलेशिया, कनाडा, स्पेन, जर्मनी, इटली, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, म्यांमार, इराक, ब्राजील और यमन भी अपने प्रतिनिधि भेज चुके हैं. नौसेना प्रमुख ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी के कार्वेट 20 और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के यूएसएस हैल्सी (डीडीजी-97) जहाज विशाखापत्तनम पहुंच चुके हैं.
मिलन 24 का सार सहयोग, सामंजस्य और बातचीत में निहित है. यह प्रमाण है कि सभी देश समुद्री सुरक्षा के लिए साझे रूप से प्रतिबद्ध हैं.
मिलन-24 के दौरान सी फेज में 4 दिन लहरों पर होगा प्रदर्शन
51 देशों की नौसेनाओं के प्रतिनिधियों की चर्चा के बीच, 24 फरवरी से 27 फरवरी तक मिलन-24 के दौरान सी फेज का आयोजन होगा. यह वह समय है, जब नौसेनाएं समंदर की लहरों पर करतब दिखाती हैं. अरब सागर के कमर्शियल कॉरिडोर पर हाल ही में हुए ड्रोन हमलों ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. मिलन युद्धाभ्यास में नौसेनाएं ड्रोन हमलों से बचने का अभ्यास करेंगी और पायरेसी के खिलाफ नेवी ऑपरेशन्स को भी डिजाइन करेंगी.
लेखक: इमरान अंसारी