“केदारनाथ से सोना गायब होने की बात उद्धव ठाकरे के दबाव में आकर कही गई है”- शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती महाराज

Published

मुंबई: केदारनाथ मंदिर में सोने के चढ़ावे को लेकर बवाल राजनीति से लेकर संत समाज तक में फैल चुका है। ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बयान दिया था कि केदारनाथ मंदिर से 228 किलोग्राम सोना चोरी हुआ है। फिलहाल उनके इन आरोपों पर सियासत शुरू जारी है। इसी बीच मुंबई दौरे पर पहुंचे द्वारिका शारदा पीठ एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती महाराज ने न्यूज़ इंडिया से खास बात की और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महराज द्वारा लगाए गए सोना गायब वाले आरोपों का खंडन किया।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महराज ने कुछ दिन पहले ही अपने एक बयान में कहा था कि, “राजनीतिक लोग हमारे धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर रहे हैं। केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, ऐसा करने के बाद उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता है? अब दिल्ली में केदारनाथ बनाकर एक और घोटाला किया जाएगा। केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है। कोई जांच शुरू नहीं हुई, इसका जिम्मेदार कौन है?”

जिस पर शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती महाराज ने बयान देते हुए कहा कि, “जो लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, क्या वो खुद उनकी उपाधि है? क्या उन्हें शंकराचार्य की उपाधि मिली है… 2017 में उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। हमें लगता है कि अप्रमाणित लोगों की बात को इतनी तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए… क्योंकि राग-द्वेष से भरा व्यक्ति कभी सत्य का उद्घाटन नहीं कर सकता.. और संतों को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए… जो केदारनाथ से सोना गायब होने की बात कही जा रही है उसका क्या आधार है?”

शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती महाराज यहीं नहीं रुके उन्हेंने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि, “ये बयान भी राजनीति दबाव में आकर दिया गया है। लेकिन उनको ये नहीं भूलना चाहिए कि उनके (शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महराज) जैसे अप्रमाणित व्यक्ति का आशीर्वाद पाकर कोई भी फलीभूत नहीं हो सकता है।”

उन्हेंने आगे पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि, “आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो पूरे विश्व में सनातन धर्म को लेकर जा रहा है। आप उस व्यक्ति को कैसे नीचे गिरा सकते हैं… अनंत में शंकराचार्य ने कहा कि हम किसी के पक्ष में नहीं हैं। न तो हम उद्धव जी के पक्ष में हैं और न ही मोदी जी के पक्ष में हैं… लेकिन जिनके दौर में संतों और सनातन की हत्या हुई उनको प्रमाण तो देना ही होगा।”