Restructuring of NITI Aayog: केंद्र सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन कर दिया है, जिसमें सहयोगी दलों के वरिष्ठ मंत्रियों को भी महत्वपूर्ण स्थान मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि सुमन के बेरी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ वी.के सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र, डॉ वी.के पॉल और अरविंद वीरमानी को पूर्ण कालिक सदस्य बनाया गया है।
पदेन सदस्यों की सूची में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का नाम शामिल है। इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह को विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।
पिछली बार के मुकाबले इस बार कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह शिवराज सिंह चौहान को पदेन सदस्य बनाया गया है। विशेष आमंत्रित सदस्यों में पिछली बार पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव शामिल थे, लेकिन इस बार उनकी जगह सहयोगी दलों के वरिष्ठ मंत्रियों को शामिल किया गया है। यह बदलाव मोदी 3.0 सरकार में सहयोगी दलों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
क्या काम करता है नीति आयोग?
नीति आयोग भारत सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है, जिसमें “15-वर्षीय रोड मैप”, “7-वर्षीय विजन, रणनीति और कार्य योजना”, AMRUT, डिजिटल इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, चिकित्सा शिक्षा सुधार और कृषि सुधार शामिल हैं। इसे 2015 में योजना आयोग को बदलने के लिए स्थापित किया गया था, जो एक टॉप-डाउन मॉडल का पालन करता था। नीति आयोग की स्थापना के बाद से यह भारत के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और सुधारों पर कार्य कर रहा है।