कई बार नीतीश कुमार कर चुकें है विशेष राज्य की मांग, पढ़ें पूरी खबर

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Bihar Special Status: विशेष राज्य की मांग को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली के सत्ता के प्रमुख हिस्सेदार हैं। लेकिन जिस मांग को लेकर नीतीश कुमार लगातार दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक देते है वो मांग आज भी एक बार ठंडे बस्ते में चली गई है।

केंद्र की एनडीए गठबंधन सरकार में शामिल जनता दल यूनाईटेड ने सीधे-सीधे लोकसभा में अपनी ही सरकार से पूछ दिया कि क्या वह बिहार और शेष ऐसे राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देना चाहती है? अगर सरकार ऐसा विचार रखती है तो बताए और नहीं रखती है तो इसका कारण स्पष्ट करे। जदयू के रामप्रीत मंडल के इस सीधे सवाल का सीधा जवाब भी बजट सत्र के पहले दिन आ गया। मंडल ने वित्त मंत्री के लिए यह सवाल रखा था। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने इसपर प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए नकारात्मक और सीधा जवाब दिया। मतलब, अब जैसा जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखी थी कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते हैं तो विशेष पैकेज दें।

जेडीयू सांसद की मांग पर आया केंद्रीय मंत्री का बयान(Bihar Special Status)

जेडीयू जिस मांग को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही थी उसपर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है वह बिहार में नहीं है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का आया बयान

केंद्र सरकार द्वारा बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने से इनकार करने पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा, “लालू यादव को या तो समझ नहीं आ रहा है या वे बिहार के लोगों के साथ मजाक कर रहे हैं। जब वे(लालू यादव) कांग्रेस की गोद में खेल रहे थे और ‘किंग मेकर’ बने हुए थे, उस समय विशेष राज्य दर्जा का कानून भी था तब तो उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलवाया… बिहार के लिए पीएम मोदी ने 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया, 2 लाख करोड़ खर्च किए… खजाने का पिटारा खोल दिया जाएगा लेकिन बिहार में विकास को रुकने नहीं दिया जाएगा।”

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कई बार नीतीश कुमार रख चुकें हैं मांग

आपको बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी की मांग आज कि नहीं है बल्कि कई सालों से जेडीयू इस मांग को लेकर दिल्ली के दरवाजे पर अपनी दस्तक देते रही है। हालिया 2022 के दौरान ही 2 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS) देने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन अब जब केंद्र ने सिरे से जेडीयू की मांग को ख़ारिज कर दिया है तो देखना होगा कि आगे नीतीश कुमार का रुख क्या रहता है।

लेखक – आयुष राज