Marriage Registration: हरियाणा में अब विवाह पंजीकरण करना हुआ आसान; ग्राम सिचव से लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को दी गई विवाह पंजीकरण की पॉवर…

Published

Marriage Registration: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी मजिस्ट्रेट (CTM), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास पंचायत अधिकारी (BDPO) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया है। नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इस विषय में प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब विवाह पंजीकरण करवाने वाले लोग लोकल स्तर पर अपनी सुविधा अनुसार ग्राम सचिव से लेकर बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इससे पहले ग्रामीण स्तर पर केवल तहसीलदार के पास ही मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार था।

ग्राम सिचव से लेकर सिटी मजिस्ट्रेट को मिली विवाह पंजीकरण की पॉवर

इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों के लिए संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। नागरिक अब अपने विवाह को घर के नजदीक उक्त अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।

प्रवक्ता ने बताया कि विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in/ पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की जा चुकी हैं जिसमे दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में 12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2023-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह का पंजीकरण किया जाना शामिल है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लांच किया था।

पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज?

उन्होंने बताया कि वर्तमान में एडीसी-सह-डीसीआरआईओएस (अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी) के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (पीपीपी-डीबी) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है। विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। उक्त अधिकारी को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा।