रेल यात्रा के दौरान तकिया और चादर चुराने वालों की अब खैर नहीं, इतने सालों की हो सकती है सजा…

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Indian Railway: भारत में अक्सर लंबी दूरी के सफर के लिए लोग आम तौर पर ट्रेन से सफर करना अधिक पसंद करते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है कि ट्रेन का सफर हवाई यात्रा के मुकाबले काफी सस्ता होता है और दूसरा ट्रेन के सफर को लोग खूब इंज्वाय भी करते हैं। वहीं, इसके अलावा रेलवे भी अपने यात्रियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखता है और जनरल और स्लीपर क्लास को छोड़कर भारतीय रेलवे थर्ड से लेकर फर्स्ट एसी क्लास के यात्रियों को तकिया, चादर और कंबल जैसी सुविधाएं देता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है, जो अपना सफर पूरा करने के बाद रेलवे की तरफ से दी गई चादरों को अपने साथ लेकर जाते है जो कि पूरी तरफ से न सिर्फ गलत है, बल्कि गैरकानूनी भी है।

5 वर्षों की हो सकती है सजा

रेलवे में अक्सर ये सुनने में आता है कि यात्रियों के सुविधाओं के लिए दिया जाने वाला तकिया और चादर को कुछ लोग चुरा ले जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना आपको महंगा पड़ सकता है ? जी हां उसे रेलवे के नियम के मुताबिक न सिर्फ जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि उसे 5 साल की जेल भी हो सकती है।

आपको बता दें कि बता दें कि भारतीय रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966, (Railway Property Act, 1966) के मुताबिक, अगर आप ट्रेन के किसी भी सामान को चुराते या अपने साथ ले जाते हुए पकड़े जाते हैं तब पहली बार में 5 साल तक की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। पहली बार में ये अपराध करते हुए पकड़े जाने पर कम से कम 1 साल की सजा या 1000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान भी है।

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