दीवाली के मौके पर घर और आंगन को रोशन करने के लिए गोरखपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (ITM) के 6 छात्रों ने एक अनोखी लाइट बनाई है. यह लाइट बिजली के बिना सिर्फ पानी और हैंडमेड एफसीएफडी (फास्ट चार्जिंग फिजिकल डायनेमो) जनरेटर से चलती है. इस जनरेटर की मदद से मात्र 10 मिनट तक हाथ से घुमाने पर 8 घंटे तक एनर्जी स्टोर होती है जिससे लाइट जलती रहती है.
छात्रों का क्रांतिकारी आविष्कार!
इस आविष्कार के पीछे आईटीएम के छात्र शिवम सिंह, सुमित त्रिपाठी, तबस्सुम शेख, अंजलि शर्मा, यासिका सिंह और हर्ष चतुर्वेदी का सामूहिक प्रयास है. इस तकनीक में एफसीएफडी जनरेटर, यूवी लाइट्स और इलेक्ट्रिक नेट का प्रयोग किया गया है, जिससे डेंगू मच्छर भी मारे जा सकते हैं. साथ ही कुछ झालर लाइट्स सोलर एनर्जी से भी चार्ज हो जाती हैं.
सस्ता और टिकाऊ विकल्प
350 रुपये की लागत में बनी ये झालर लाइट्स विशेष रूप से पौधों के गमलों में लगाई जा सकती हैं, जहां पानी डालते ही यह सेंसर की मदद से जल उठती हैं. छात्रों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह लाइट्स शॉकप्रूफ हैं, जिससे इनका उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित है.
स्थानीय उत्पादों का समर्थन
आईटीएम कॉलेज के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए इसे चाइनीज प्रोडक्ट्स के लिए एक मजबूत स्वदेशी विकल्प बताया. यह दिवाली झालर लाइट्स भारतीय बाजार में स्थानीय और सस्ते विकल्प को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे पर्यावरण और आर्थिक दृष्टिकोण से लाभ होगा.