नई दिल्ली/डेस्क: नई दिल्ली में आयोजित इस साल का जी20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। इस सम्मेलन के दौरान भारत और पश्चिमी एशिया और यूरोप के बीच एक विशेष कॉरिडोर को बनाने का समझौता हुआ है।
हालांकि इस समझौते की खबर के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई है। पाकिस्तान के लोग जी20 सम्मेलन के बाद से ही अपनी सरकार को निशाना बना रहे हैं।
‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर’ की घोषणा के बाद पाकिस्तान के लोग इस हद तक चिंतित हैं कि वे अब खुद पर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं, और सरकार में बदलाव की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के लिए इसे शर्म का क्षण माना जा रहा है।
पाकिस्तान को विश्व पटल पर आने के लिए आतंकवाद से निपटना होगा, भारत से नफरत की नीतियों को त्यागना होगा, और अपने पड़ोसियों के साथ खुलकर मिलकर रहना होगा, चाहे वे किसी धर्म या संप्रदाय से हों। अब ये समय चीजों में सुधार करने का है। इसलिए ये पाकिस्तान के लिए एक आखिरी मौका मौका होगा।
क्योंकि अगर पाकिस्तान में नीति निर्माताओं के पास थोड़ी सी बुद्धि और जागरूकता होती तो पाकिस्तान भी इस आर्थिक कॉरिडोर का हिस्सा हो सकता था और वैश्विक अर्थव्यवस्था, पर्यटन, और कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पता।
इस सममेलन के दौरान ‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ की स्थापना के बाद इसमें भारत, यूएई, सऊदी अरब, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, और अमेरिका शामिल हैं। इससे एक नया आर्थिक कॉरिडोर बनेगा जो एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप को जोड़ेगा।
लेखक: करन शर्मा