BRI कॉरिडोर के मुद्दे पर चीन की भाषा बोल रहा पाकिस्तान, भारत को दे रहा राजनीतिक चश्मा उतारने की सलाह

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नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (BRI) पहल का समर्थन करने से इनकार कर दिया. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) भारत इकलौता देश है जिसने इस विवादास्पद संपर्क परियोजना का समर्थन नहीं किया है. भारत के इस स्टैन्ड पर पाकिस्तान ने भारत को राजनीतिक चश्मा उतारने की सलाह दी है।

पाकिस्तान ने की समर्थन की मांग

SCO शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की संपर्क परियोजनाओं को संकीर्ण राजनीतिक चश्मे से न देखें. पाकिस्तानी पीएम की यह टिप्पणी भारत द्वारा विशेषकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को समर्थन नहीं देने के बाद आई है. चीन का यह महत्वाकांक्षी योजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर POK से होकर गुजरता है.

परियोजनाओं के विस्तार को भारत का समर्थन नहीं

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ ने सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में क्षेत्रीय संपर्क के लिए BRI और CPEC जैसी परियोजनाओं के विस्तार के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, हमें ऐसी परियोजनाओं को संकीर्ण राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए, बल्कि अपनी सामूहिक संपर्क क्षमताओं में निवेश करना चाहिए जो आर्थिक रूप से एकीकृत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. ज्ञात हो कि भारत ने बुधवार को एक बार फिर वन बेल्ट वन रोड’ पहल का समर्थन करने से इनकार कर दिया.

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SCO सम्मेलनों में भारत ने किया BRI का विरोध

SCO शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर से BRI और CPEC जैसी परियोजनाओं पर भारत का रुख स्पष्ट किया. उन्होंने व्यापार और कनेक्टिविटी पहलों में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के महत्व पर जोर देते हुए अप्रत्यक्ष रूप से इस परियोजना का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, सहयोगी कनेक्टिविटी नई दक्षताएं पैदा कर सकती है, लेकिन इन परियोजनाओं को राष्ट्रों की संप्रभुता से समझौता नहीं करना चाहिए. उन्होंने चीन का सीधे नाम लिए बिना ऐसी परियोजनाओं के बारे में चिंता जताई. ज्ञात हो कि भारत ने पिछले SCO सम्मेलनों में BRI का समर्थन करने से इनकार किया था.