Petrol and Diesel Prices with GST: पेट्रोल-डीजल को लंबे समय से वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत लाने की मांग की जा रही है, और इसके लागू होने पर देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद इस बात की पुष्टि की थी कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है। हालांकि, इसके लिए राज्यों को मिलकर इसकी दरें तय करनी होंगी।
पेट्रोल और डीजल पर मौजूदा टैक्स प्रणाली
फिलहाल, पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों द्वारा वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लगाया जाता है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन भी शामिल होते हैं, जिससे अंतिम कीमत तय होती है।
उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। इस पर 19.90 रुपये की एक्साइज ड्यूटी और 15.39 रुपये का वैट लगता है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्टेशन लागत 20 पैसे और डीलर कमीशन 3.77 रुपये होता है। इस प्रकार, दिल्ली में पेट्रोल की अंतिम कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर होती है।
वहीं, डीजल का बेस प्राइस दिल्ली में 56.20 रुपये है। इस पर 15.80 रुपये की एक्साइज ड्यूटी और 12.82 रुपये का वैट लगता है। ट्रांसपोर्टेशन लागत 22 पैसे और डीलर कमीशन 2.58 रुपये होता है, जिससे डीजल की अंतिम कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर होती है।
GST के तहत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में संभावित कमी
अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी कम हो सकती हैं। जीएसटी की अधिकतम दर 28% है, और इस आधार पर दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। इस पर 28% जीएसटी लगाने पर टैक्स 15.58 रुपये बनेगा। इसके बाद ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन क्रमशः 20 पैसे और 3.77 रुपये जोड़ने पर पेट्रोल की अंतिम कीमत 75.01 रुपये प्रति लीटर बनेगी। इस प्रकार, पेट्रोल की कीमत में 19.7 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है।
अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाता है, तो उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकती है और ईंधन की कीमतों में बड़ा फर्क देखने को मिल सकता है। इससे न केवल आम जनता को लाभ होगा, बल्कि पूरे देश में ईंधन की कीमतों में समानता भी आ सकेगी। हालांकि, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ आकर समन्वय बनाने की जरूरत है ताकि इस दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके।