Piyush Mishra ने‌ बल्लीमारान बैंड संग ‘उड़नखटोला’ अंतर्राष्ट्रीय टूर से उठाया पर्दा, 15 शहरों में किया जाएगा कंसर्ट्स का आयोजन

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Piyush Mishra

Piyush Mishra: एक बेहतरीन कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले पीयूष मिश्रा एक ऑलराउंडर हैं, जिनके पास हुनर की कमी नहीं है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वे एक ऐसे लेखक, गीतकार, संगीतकार और अदाकार हैं जो उम्र और कला संबंधी किसी भी तरह की बंदिशों को नहीं मानते हैं.

ऐसे में पीयूष मिश्रा ने अपने बैंड बल्लीमारान के साथ एक अंतरराष्ट्रीय टूर ‘उड़नखटोला’ का ऐलान एक स्पेशल कर्टन रेजर इवेंट के ज़रिए किया. इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में किया गया था.

बस में सवार होकर वेन्यू पर पहुंचे Piyush Mishra

उल्लेखनीय है कि पीयूष मिश्रा और उनका बैंड बल्लीमारान एक विशेष ‘उड़नखटोला’ टूर बस में सवार होकर वेन्यू पर पहुंचे थे. यह बस औचक रूप से संगीत प्रस्तुत करने, गहन विचार-विमर्श करने और टूर से संबंधी बैंड के संगीतमय सफ़र से जुड़े किस्सों को सुनाने का एक बढ़िया जरिया है.

इसके बाद दिग्गज कलाकार के रूप में पीयूष मिश्रा के साथ एक वार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें उन्होंने अपने दिल की बात कहते हुए अपनी कला, अपनी लोकप्रियता और अपने करियर के बारे में विस्तार से बातचीत की.

रॉकस्टार के रूप में मशहूर पीयूष मिश्रा

अपने संगीत के ज़रिए पुरानी पीढ़ी के साथ-साथ आज की युवा पीढ़ी का दिल जीतने वाले पीयूष मिश्रा ने कहा कि, “62 साल की उम्र में एक रॉकस्टार के रूप में मशहूर होना कोई आम बात नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझ जैसे 62 साल के शख़्स को लोग रॉकस्टार बुलाते हैं, लेकिन अगर मैं ईमानदारी के साथ कहूं तो मैं सिर्फ़ काम और रचनात्मकता चीज़ें करना चाहता हूं.”

“इस दुनिया का मुझ पर जो क़र्ज़ हैं, मैं अपने काम के ज़रिए उस कर्ज को उतारने की ख्वाहिश रखता हूं. मैं कामयाबी के फेर में नहीं पड़ना चाहता हूं. मैं इस उम्र में अपना डेब्यू एलबम लॉन्च करने जा रहा हूं और साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय टूर का हिस्सा हूं जो काम के प्रति मेरी मेहनत और लगन को दर्शाता है.”

पीयूष मिश्रा ने कहा, “मैं परफॉर्म करने के दौरान देख सकता हूं कि बड़ी तादाद में युवा पीढ़ी के लोग मुझे सुनने आ रहे हैं. मैं इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ़ था कि मैं अपने अभिनय और अपनी कविताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी के लिए विरासत में कुछ छोड़कर जा रहा हूं.‌

“मेरी गायकी को भी खूब पसंद किया जा रहा है”

लेकिन मेरी गायकी के लिए जो प्यार मुझे मिल रहा है उससे अब मुझे इस बात का पूरा यकीन हो गया है कि वो मेरी गायिकी को भी खूब पसंद कर रहे हैं. मैं बता नहीं सकता कि इस बात से मैं किस क़दर ख़ुश हूँ.”

नवंबर में ‘उड़नखटोला’ टूर की शुरुआत

देश भर में बेहद लोकप्रिय यह बैंड नवंबर में अपने ‘उड़नखटोला’ टूर की शुरुआत करने जा रहा है जिसके जरिए बैंड अपनी अद्भुत संगीतमय प्रस्तुतियों को देश के विभिन्न शहरों में ले जाएंगे. इसके बाद यह बैंड कनाडा, अमेरिका और यूके जैसे देशों में भी परफॉर्म करेगा. उल्लेखनीय है कि इस टूर के अंत में पीयूष मिश्रा ‘उड़नखटोला’ नाम से ही अपने डेब्यू एलबम को भी लॉन्च करेंगे.

बल्लीमारान बैंड की सोच दर्शकों के सामने कुछ अलग करना

इस टूर के क्यूरेटर और तम्बू एंटरटेनमेंट के संस्थापक और सीईओ राहुल गांधी का कहना है कि बल्लीमारान बैंड की सोच के पीछे हमेशा से दर्शकों के सामने कुछ अलग और अनोखे तरह के अनुभवों को पेश करना रहा है.

राहुल गांधी ने कहा, “इस टूर का नाम अपने आप में पीयूष मिश्रा और उनकी उत्कृष्ट सोच के प्रति आदर के भाव को दर्शाता है. उनके पास‌ एक ऐसा दिमाग है जो फ्लाइंग मशीन की तरह उड़ता रहता है और ज़िंदगी की वास्तविकता को नायाब तरीके से लोगों के सामने पेश करता है. वे हमेशा से कुछ नया करने के लिए आतुर दिखाई देते हैं और अपनी कला के साथ नये-नये प्रयोग करने से भी नहीं कतराते हैं. यह टूर उनकी इन्हीं विशेषताओं, उनकी अद्भुत कला और अविस्मरणीय यादों का अक्स प्रस्तुत करता है.”

15 शहरों में कंसर्ट्स का आयोजन

‘उड़नखटोला’ टूर के माध्यम से देश भर के 15 शहरों में कंसर्ट्स का आयोजन किया जा रहा है और इसकी शुरुआत 9 नवंबर को कोलकाता में होगी. कोलकाता के बाद अहमदाबाद, वडोदरा, इंदौर, भोपाल, पुणे, ठाणे, रायपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, गुरुग्राम, चंडीगढ़, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में कंसर्ट्स का आयोजन किया जा रहा है.‌ इस तम्बू एंटरटेनमेंट द्वारा क्यूरेट और थिंकिंग हैट्स के साथ साझा रूप से निर्मित किया गया है.

बल्लीमारान को मशहूर करने में पीयूष मिश्रा के गीतों का योगदान

गौरतलब है कि बल्लीमारान अपने आप में संगीत का एक बेहद लोकप्रिय जॉनर रहा है और इसकी अपनी एक ख़ास शैली भी है. इसे मशहूर करने में पीयूष मिश्रा के गीतों का भी ख़ासा योगदान रहा है. ऐसे में अब बड़ी तादाद में लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं. बैंड का अलहदा किस्म का संगीत, तंज कसने की विरासत कला ‘आरंभ’, ‘हुस्ना’ और ‘घर’ जैसे गानों के रूप में देखी जा सकती है.

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