नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार से उड़ान और लैंडिंग परीक्षण शुरू होने की योजना थी, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGSA) से अनुमति न मिलने के कारण यह प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है. डीजीसीए ने एयरपोर्ट प्रबंधन को एक महीने के बजाय एक ही दिन में परीक्षण पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस आदेश के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन ने परीक्षण की योजना में बदलाव किया है.
एयरपोर्ट संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि एयरपोर्ट संचालन के लिए 4 प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है. इनमें इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), रनवे, और कैलीब्रेशन की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है. अब अंतिम चरण में एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा. इसके लिए डीजीसीए की अनुमति से फ्लाइट ट्रायल अनिवार्य है.
परीक्षण की नई योजना?
एयरपोर्ट प्रबंधन ने बताया कि 25 नवंबर तक परीक्षण के लिए आवेदन किया जाएगा. अनुमति मिलने के बाद 30 नवंबर को रनवे ट्रायल होगा और इसकी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपी जाएगी. इसके बाद एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा. अगर सबकुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 17 अप्रैल 2025 से एयरपोर्ट पर व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो जाएंगी.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं. पहले चरण में 1334 हेक्टेयर भूमि पर एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, जिसमें टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे और एटीएस टावर का काम तेजी से चल रहा है.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बुकिंग फरवरी से शुरू!
6 फरवरी 2025 से नोएडा एयरपोर्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बुकिंग शुरू हो जाएगी. एयरपोर्ट को “DXN” कोड से पहचाना जाएगा. उद्घाटन के दिन इंडिगो और आकांक्षा एयरलाइंस सिंगापुर, दुबई और ज्यूरिख के लिए उड़ान भरेंगी.
सस्ते किराए का वादा
नोएडा एयरपोर्ट प्रबंधन ने दावा किया है कि यहां देश के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में हवाई किराया सबसे सस्ता होगा. इसका उद्देश्य हर वर्ग के लोगों को हवाई यात्रा का सपना पूरा करने का अवसर देना है. शुरुआती चरण में टिकट की अधिकतम कीमत ₹400 होने का अनुमान है.
एयरपोर्ट की विशेषताएं ?
बता दें कि यह भारत का पहला हवाई अड्डा होगा जिसमें छह रनवे होंगे, और एयरपोर्ट पर एक साथ 186 विमान खड़े हो सकेंगे. इसके निर्माण में अब तक 12,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि परियोजना पूरी होने तक यह खर्च 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न केवल आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के मामले में खास होगा, बल्कि यह आम लोगों के लिए किफायती यात्रा का विकल्प भी प्रदान करेगा.