Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी, जिसमें सबसे प्रमुख था समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code, UCC) की जरूरत। पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक ऐसे सिविल कोड की आवश्यकता है, जो सभी नागरिकों के लिए समान हो और किसी भी प्रकार के धार्मिक भेदभाव से मुक्त हो।
क्या बोले पीएम मोदी?
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के 140 करोड़ नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा करें। हमें एक ऐसा कानून चाहिए जो सभी धर्मों के लोगों के लिए समान हो। जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं, उनका आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं है। हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है।”
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है, जिसे बदलने की जरूरत है। उनके अनुसार, वर्तमान समय में जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांटते हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून हो, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या लिंग के हों। UCC लागू होने पर विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा। संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका उल्लेख किया गया है और इसे लागू करना सरकार का दायित्व बताया गया है।
प्रधानमंत्री का संदेश और देश की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत के भविष्य की दिशा पर भी जोर दिया। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प व्यक्त किया और कहा कि इसके लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और देश के विकास में सुधार की आवश्यकता पर भी चर्चा की।