PM मोदी के इस आदेश ने बढ़ाई सरकारी कर्मचारियों की चिंता; Union Secretary को दिए ये आदेश

Published

नई दिल्ली: साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है और 2025 के वेलकम की तैयारी में जुटे सरकारी कर्मचारियों के लिए एक मुश्किल भरी खबर सामने आई है तो वहीं आम जनता के लिए ये आगामी साल राहत भरा रहने वाला है. क्योंकि पीएम मोदी ने केंद्रीय सेक्रेटरियों को एक आदेश जारी करते हुए, गैर-जिम्मेदार और भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों की एक लिस्ट बनाने को कहा है. ताकि ऐसे कर्मचारियों पर नकेल कसी जा सके. साथ ही पीएम मोदी ये भी कहा है कि अगर कोई कर्मचारी सार्वजनिक हितों के खिलाफ काम करता पाया जाता है, तो ऐसे किसी भी कर्मचारी को समय से पहले रिटायर कर दिया जाए.

दागी पाए गए तो हो जाएगी समय से पहले छुट्टी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद बुधवार (9 अक्टूबर) को सभी केंद्रीय मंत्रियों और केंद्रीय सेक्रेटरियों के साथ पीएम मोदी ने बातचीत की थी, जिसमें प्रधानमंत्री ने सीसीएस (पेंशन) नियमों के मौलिक नियम 56 (J) का उल्लेख किया, जो इस बात को दर्शाता है कि ‘उपयुक्त प्राधिकारी’ किसी भी सरकारी कर्मचारी को रिटायर कर सकता है, यदि उसकी राय में वह सेवा में बने रहने के लिए अयोग्य है।

क्या कहता मौलिक नियम 48 नियम?

अगर ऐसा होता है और किसी अधिकारी को जबरन रिटायर किया जाता है, तो ऐसे में सरकार को रिटायर किए गए अधिकारी को तीन महीने का नोटिस या तीन महीने का वेतन और भत्ते देने की आवश्यकता होती है. लेकिन 55 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले कर्मचारी इस नियम से प्रभावित हो सकते हैं. लेकिन उनके लिए कुछ नियम है. इसके लिए आपको मौलिक नियम 48 को समझना होगा, जो इस बात की दर्शाता है कि किसी भी समय सरकारी कर्मचारी द्वारा 30 साल की योग्य सेवा पूरी कर लेता है और ‘नियुक्ति प्राधिकारी’ उसे रिटायर कर देता है, तो ऐसे अधिकारियों को जवाब देने का अवसर मिलता है और वे उस आदेश को अदालत में चुनौती भी दे सकते हैं. सरकारी विभागों ने अब तक इन नियमों का हवाला देते हुए 500 से अधिक अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायर) दी है.

हालांकि, पीएम मोदी का केंद्रीय सेक्रेटरियों को ये संदेश स्पष्ट था कि सरकारी कर्मचारियों को काम करना चाहिए, लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए और जीवन को आसान बनाना चाहिए.

बेंचमार्क के आधार पर होगी कर्मचारियों की पदोन्नति (Promotion)

मिली जानकारी के अनुसार, विभाग बेकार पड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन और भी कुछ करने की जरूरत है. अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है क्योंकि मौजूदा स्क्रीनिंग सिस्टम कर्मचारियों की रैंकिंग पर नहीं बल्कि बेंचमार्क पर आधारित है. लगभग सभी कर्मचारियों को उनके वरिष्ठों द्वारा बेंचमार्क से ऊपर की वार्षिक रेटिंग मिलती है और वे पदोन्नति के लिए मानदंडों को पार कर जाते हैं.

“जनता की शिकायतों तेजी से समाधान हो”- पीएम मोदी

सूत्रों ने कहा कि मंत्रियों और सचिवों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सुशासन और विकास कार्यों को लोगों द्वारा पुरस्कृत किया जाता है. उन्होंने हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक और जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन का हवाला दिया. प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जनता की शिकायतों का व्यापक और तेजी से समाधान किया जाए, न कि फाइलों को एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर धकेला जाए.

बीजेपी के कार्यकाल में PMO को 4.5 करोड़ पत्र मिले

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने सचिवों से शिकायतों के समाधान के लिए हर हफ्ते एक दिन निकालने और राज्य मंत्रियों से उनकी निगरानी करने को भी कहा है. पिछले 10 सालों में PMO को लोगों की शिकायतों सहित 4.5 करोड़ पत्र मिले हैं. वहीं, मनमोहन सिंह के कार्यकाल के आखिरी 5 सालों में केवल 5 लाख ऐसे पत्र प्राप्त हुए थे, जो इस बात को दर्शाते हैं कि लोग शिकायतों के निवारण को लेकर अधिक आशान्वित हैं. मोदी ने बताया कि इनमें से लगभग 40 प्रतिशत शिकायतें केंद्र सरकार के विभागों और एजेंसियों से संबंधित थीं, जबकि शेष 60 प्रतिशत राज्य सरकार के मुद्दों से संबंधित थीं.