Niti Aayog: नीति आयोग की बैठक में PM मोदी ने कही ये बड़ी बात; जानें ममता बनर्जी ने क्यों किया विरोध?

Published

Niti Aayog: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (27 जुलाई) को नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा। उन्होंने कहा कि यह हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है और राज्यों की भूमिका इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण है क्योंकि वे जनता से सीधे जुड़े होते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि यह दशक तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों के साथ-साथ अवसरों का भी है और भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने राज्यों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं।” नीति आयोग ने पीएम मोदी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है। राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं।’’

युवाओं का कौशल विकास आवश्यक

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत एक युवा देश है और हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। 2024 तक विकसित भारत बनाने के लिए कौशल, अनुसंधान, नवाचार और नौकरी आधारित ज्ञान पर जोर देना आवश्यक है।

बैठक का उद्देश्य

बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन और सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

ममता बनर्जी का क्यों किया विरोध?

वहीं, कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन के कई दलों ने नीति आयोग की बैठक का विरोध किया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल हुईं, लेकिन बैठक को बीच में ही छोड़कर चली गईं। बैठक से बाहर आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं मिला, इसलिए वह विरोध जताते हुए बाहर आ गईं।