PM Modi In Bihar: कल बिहार जाएंगे पीएम मोदी, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नए स्वरूप को देश के लिए करेंगे समर्पित

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PM Modi In Bihar: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल नालंदा आ रहे हैं। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नए स्वरूप को कल प्रधानमंत्री मोदी देश को समर्पित करेंगे। गया से सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से प्रधानमंत्री सीधे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों का दीदार करने के लिए नालंदा पहुंचेंगे। सुबह 9:45 पर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय पहुँचेंगे। प्रधानमंत्री के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं कई देशों के राजदूत,केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्री और अन्य नामी हस्तियां मौजूद रहेंगे।

कल नालंदा जाएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नालंदा खंडहर के समीप महाविहार परिसर में बने हेलीपैड पर उतरेंगे। महाविहार परिसर में तीन हेलीपैड बनाए गए हैं वहीं चौथ हेलीपैड रास बिहारी हाई स्कूल के खेल मैदान में बनाया गया है जहां राज्यपाल और मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर लैंड करेगा। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास और भूगोल की जानकारी भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर एस भट्टाचार्य प्रधानमंत्री को देंगे।

प्राचीन विश्वविद्यालय के भग्नावशेष के दीदार के उपरांत प्रधानमंत्री पुनः सेना के हेलीकॉप्टर से नालंदा विश्वविद्यालय राजगीर पहुंचेंगे। जहां वह नवनिर्मित नालंदा विश्वविद्यालय को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज ऑडिटोरियम में मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है। पहले घेरा एसपीजी, दूसरा घेरा सेंट्रल फोर्स और तीसरे लेयर की सुरक्षा में बिहार पुलिस के जवान मुस्तैद हैं। राजगीर से लेकर नालंदा तक कुल 17 किलोमीटर में सड़क के दोनों छोर पर बांस की बैरिकेडिंग की गई है। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर यह भी कयास लगाया जा रहा है कि वह कोई बड़ी घोषणा नालंदा के लिए कर सकते हैं।

455 एकड़ में फैला है प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय

नालंदा यूनिवर्सिटी 455 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें कुल 221 संरचनाएं हैं।
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के द्वारा 19 सितंबर 2014 को इसके निर्माण की नींव रखी गई थी।

आर्किटेक्ट बीबी जोशी ने नालंदा विश्वविद्यालय के प्रारूप को डिजाइन किया है।
नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस में एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी बन रही है। 17 हजार 545 वर्ग मीटर में नालंदा विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय का छह मंजिला स्तूप आकार की इमारत में बन रही है। विश्वविद्यालय परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं। जिनकी कुल बैठने की क्षमता 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं। इसमें लगभग साढे 500 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्रावास है।

17 देशों के 400 विद्यार्थी हैं अभी अध्यनरत

वतर्मान में नालन्दा विश्वविद्यालय में 17 देशों के 400 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।स्नातकोत्तर एवं पीचडी के कुल 7 विषयों की पढ़ाई हो रही है जबकि 2 विषय इस शैक्षणिक सत्र में शुरू होने वाला है। वहीं डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए कुल 10 सब्जेक्ट की पढ़ाई हो रही है।

28 मार्च 2006 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने बिहार विधान मंडल के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को पुनः निर्माण करने की सलाह दी थी। वर्ष 2007 में भारत सरकार ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त अमर्त्य सेन की नेतृत्व में नालंदा में मेंटर ग्रुप का गठन किया।

लेखक – आयुष राज