अवैध देसी कच्ची शराब बंद करवाने में पुलिस और आबकारी विभाग नाकाम?

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उत्तर प्रदेश: ललितपुर जनपद में धड़ल्ले से बेची जा रही अवैध देसी कबूतर जाति की कच्ची शराब से चौतरफा के युवा नशे की लत और कदम बढ़ा रहे हैं. समूचे जनपद का आलम यह है कि शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की गलियों और घरों में आज अवैध देसी कच्ची शराब बेची जा रही है और कुछ गढ़ तो इसके लिए मशहूर है.

हालांकि, पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा समय-समय पर अवैध शराब के खिलाफ छापामार कार्रवाई की जाती है और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए जाते हैं. लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग की यह कार्यवाही जनपद की गलियों में बेची जा रही शराब के खिलाफ काफी नहीं है. आज जनपद में कई ऐसे चिन्हित स्थान है. जहां पर पिछले कई सालों से कबूतर जाति की अवैध देसी कच्ची शराब बेची जा रही है, जिसे बंद कर पाना ना तो पुलिस के बस की बात है और ना ही आबकारी विभाग के बस की बात. यदि ऐसा होता तो फिर जनपद में अवैध देसी कच्ची शराब का कारोबार कुटीर उद्योग की तरह न पनप रहा होता.

हाल ही में कोतवाली तालबेहट पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा संयुक्त की गई कार्यवाही में 550 लीटर कच्ची शराब को जप्त किया गया है, करीब 10 हजार लीटर लहन नष्ट किया गया और आधा दर्जन शराब कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है. जिनके खिलाफ कोतवाली तालबेहट पुलिस ने मामला पंजीकृत कर कार्रवाई की है.

लेखक: इमरान अंसारी