Hindenburg Research Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट के जारी होने के बाद से सियासी बवाल देशभर में मचा हुआ है। एक तरफ जहां विपक्ष ने जेपीसी जांच की मांग की है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश के निवेश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।
विपक्ष की मांग, मामले में हो JPC जांच!
बता दें, हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति के पास कथित अडानी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। सेबी की चेयरपर्सन के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को देखते हुए कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को माधवी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग की। साथ ही कहा, अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच होनी चाहिए।
जयराम रमेश ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद जारी किया बयान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा, “SEBI कथित तौर पर अडाणी के लेन-देन की जांच कर रहा था। सरकार को अडाणी की SEBI जांच में सभी हितों के टकराव को ख़त्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। तथ्य यह है कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की जो कथित मिलीभगत दिख रही है, उसे अडाणी महाघोटाले की व्यापक जांच के लिए एक जेपीसी का गठन करके ही सुलझाया जा सकता है।”
मामले पर JPC जांच की मांग को BJP ने किया खारिज
वहीं, बीजेपी ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की मांग को खारिज कर दिया है। साथ ही कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नुकसान पहुंचाने के लिए की जा रही साजिश है।
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद का कांग्रेस पर गंभीर आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च की हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट के बाद बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत के लोगों द्वारा ठुकराए जाने के बाद, कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह ने मिलकर भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है।”