हिमाचल प्रदेश के समोसा कांड पर अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. सीआईडी केवल दुर्व्यवहार की जांच कर रही थी, लेकिन इसे ‘समोसा कांड’ के रूप में प्रचारित किया गया है. दिल्ली में न्याय यात्रा के दौरान सुक्खू ने कहा, “बीजेपी बचकानी बातों में उलझ रही है और गैर-जरूरी मुद्दों को तूल दे रही है.”
जल्द होगा कांग्रेस का पुनर्गठन
सीएम सुक्खू ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का जल्द ही पुनर्गठन किया जाएगा. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की सिफारिशों पर कांग्रेस की पुरानी कमेटी को भंग किया गया है, और अब नए चेहरों के साथ कमेटी का गठन होगा, क्योंकि कुछ पुराने पदाधिकारी सरकार का हिस्सा बन चुके हैं.
हमने गारंटियां पूरी कीं: सुक्खू
हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर पूछे गए सवाल पर सुक्खू ने दावा किया, “हमने सभी गारंटियों को पूरा किया है.” उन्होंने कहा कि हिमाचल पहला राज्य है जिसने एक महीने में दो बार वेतन और 4% महंगाई भत्ता (डीए) दिया है.
क्या है समोसा कांड?
21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नए वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (CFCFRMS) का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम के दौरान सीएम के लिए लाए गए समोसे और केक गलती से सीआईडी अधिकारियों और कर्मचारियों को परोस दिए गए, जिससे विवाद खड़ा हो गया. जांच में पता चला कि यह गलती संचार की कमी और दिशानिर्देशों के सही अनुपालन न होने के कारण हुई. इस घटना के बाद सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि एक सब-इंस्पेक्टर को पता था कि ये स्नैक्स सीएम के लिए थे, परंतु अन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी, जिससे यह गड़बड़ी हुई.
जयराम ठाकुर का तंज- ‘समोसे पर जांच, भ्रष्टाचार पर नहीं’
समोसा कांड पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि सरकार समोसे पर जांच करा रही है, जबकि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की अनदेखी कर रही है. जयराम ठाकुर ने सरकार पर गंभीरता से काम न करने और हास्यास्पद फैसले लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल के दिनों में सरकार के फैसले जनता के सामने उसकी छवि धूमिल कर रहे हैं.