नई दिल्ली/डेस्क: कांग्रेस पार्टी ने बीते 6 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया था जिसमें 5 न्याय और 25 गारंटी की बात कही गई है. बता दें, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को ‘न्याय पत्र’ का नाम दिया है. इस न्याय पत्र (Pramod Krishnam on Congress) में एक देश एक चुनाव के विरोध के साथ 300 वादे लिखे हुए हैं.
इसी न्याय पत्र का अब कांग्रेस के पूर्व नेता और संभल के कल्कि धाम के प्रमुख आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विरोध किया है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस का घोषणा पत्र देखकर लगता है कि ये महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं जिन्ना की कांग्रेस है. ये घोषणापत्र मल्लिकार्जुन खरगे का घोषणा पत्र नहीं जिन्ना का घोषणापत्र लगता है.”
बता दें, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह बयान सोमवार यानि 8 अप्रैल को गाजियाबद में दिया है जिससे सियासत गर्मा गई है.
हालांकि, आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले भी कांग्रेस (Pramod Krishnam on Congress) पर तंज कस चुके हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस ने देश का पैसा लूटा है जिसके चलते कांग्रेस पर जांच होनी चहिए.
कांग्रेस पार्टी को करीब 1700 करोड़ रुपये के आयकर नोटिस पर प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं को बताना चाहिए कि उन्हें इतना बड़ा नोटिस क्यों मिला है. इतना पैसा कहां से आया? एक अपराधी कभी अपना अपराध स्वीकार नहीं करता है. देश का पैसा लूटा गया है और यह एक सच्चाई है. जब इस लूट की जांच की जा रही है तो उन्हें जांच का सामना करना चाहिए. उन्हें भारत की न्यायपालिका पर विश्वास होना चाहिए.
लेखक- वेदिका प्रदीप