राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामलों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी

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जयपुर: राजस्थान सरकार ने प्रदेश में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्र और आधार केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। प्रदेश के आईटी मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में कहा कि पूरे प्रदेश में सघन अभियान चलाकर ऐसे केंद्रों और संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।

जांच और कार्रवाई का विस्तृत प्लान

मंत्री पटेल ने बताया कि प्रदेश में संचालित सभी ई-मित्र और आधार केंद्रों की जांच की जाएगी। इसके अलावा, आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट मंगाकर उनका परीक्षण भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ई-मित्र संचालकों को निःशुल्क और शुल्क सेवाओं की जानकारी केंद्र के बाहर अनिवार्य रूप से लिखनी होगी ताकि आम जनता से सेवाओं का अधिक शुल्क नहीं वसूला जा सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कड़ी नजर

पटेल ने पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केंद्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक बहुत गंभीर मामला बताया। राज्य सरकार ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि 21 जून, 2024 को फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक का उपयोग कर फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की खबर प्रकाशित होने पर यूआईडीएआई से जांच करवाई गई है।

सांचौर जिले में हुई कार्रवाई

सांचौर जिले में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले ई-मित्र संचालकों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक मामले में जांच के दौरान पाया गया कि आधार कार्ड का नामांकन सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के अधीन कार्यरत ऑपरेटर कन्हैयालाल की आईडी से हुआ था।

इस मामले में शामिल ई-मित्र और आधार संचालकों के खिलाफ 21 जून 2024 को पुलिस थाना सरवाना, जिला सांचौर में प्राथमिकी संख्या-63 दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की गई। मंत्री पटेल ने बताया कि इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा भी की गई है।

राजस्थान सरकार की यह कार्रवाई फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले केंद्रों और संचालकों के खिलाफ सख्त संदेश देती है और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।