President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया राष्ट्र को संबोधित, जानें क्या कहा?

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President Draupadi Murmu
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President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज यानी 14 अगस्त की शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “15 अगस्त के दिन, देश-विदेश में सभी भारतीय, ध्वजारोहण समारोह में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।”

“महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है”

“जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।”

“देश प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murm) ने कहा, “इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी।”

“अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया। साथ ही, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जन-नायक भी सक्रिय थे।”

अगले वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया। आदिवासियों में तिलकामांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की अब सराहना हो रही है। हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।”

“हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।”

पेरिस ओलंपिक को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्या कहा?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया। मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है। क्रिकेट में भारत ने टी-20 विश्व कप जीता, जिससे बड़ी संख्या में क्रिकेट-प्रेमी आनंदित हुए। शतरंज में विलक्षण प्रतिभा वाले युवा खिलाड़ियों ने देश को गौरवान्वित किया है। इसे शतरंज में भारतीय युग का आरंभ माना जा रहा है। बैडमिंटन, टेनिस और अन्य खेलों में हमारे युवा खिलाड़ी विश्व मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी उपलब्धियों ने अगली पीढ़ी को भी प्रेरित किया है।”

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